ये दुर्गम इलाका है अरुणाचल प्रदेश का। जहां पहुंचने के लिए चुनाव आयोग की टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। यहां टीम को पहुंचने के लिए एक दिन का पैदल सफर तय करना होता है, जिसके बाद ही टीम इस पोलिंग स्टेशन पर पहुंच पाती है। दरअसल, जिस पोलिंग स्टेशन की हम बात कर रहे हैं ये अरुणाचल प्रदेश के अनजॉ जिले में है जो कि भारत-चीन बॉर्डर के पास स्थित है। वहीं सबसे खास बता ये है कि यहां मतदाता की संख्या महज एक है, लेकिन चुनाव आयोग के लिए ये एक मतदाता भी कितना जरूरी है। वो इस बात से ही पता चलता है कि टीम यहां आकर इस एक मतदाता का वोट लेती है।
अनजॉ जिले के
मालोगम गांव में ‘सोकेला तयांग’ नाम की एक महिला रहती हैं, जिनका इस पोलिंग स्टेशन पर वोट है। ऐसा नहीं है कि इस गांव में वो अकेले रहती हैं। बल्कि, यहां कई परिवार रहते हैं जिनका वोट दूसरे पोलिंग स्टेशन पर है। हालांकि, कुछ समय पहले तक सोकेला के पति का नाम भी इसी पोलिंग स्टेशन में था। लेकिन अब उनका नाम किसी और स्टेशन पर आता है। चुनाव आयोग की टीम इस एक कीमती वोट के लिए यहां जाती है, पूरा पोलिंग स्टेशन तैयार करती है और पूरे दिन
सोकेला तयांग जो कि मतदाता है उनका इंतजार करती है।