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अजब गजब

पत्नी पीड़ित पुरुष आश्रम, इस शर्त पर ही मिल सकती है यहां एंट्री

अपने देश में बहुत से तीर्थ आश्रम है। आपने भी इन आश्रमों के बारे में सुना और देखा होगा। आज आपको एक अनोखे आश्रम के बारे में बताने जा रहे जिसमें बारे में बहुत कम लोग ही जानते है। यह आश्रम दूसरे आश्रमों से बिल्कुल अलग है। यह आश्रम उन लोगों के लिए जो पत्नी पीड़ितों से हो।

Oct 12, 2020 / 10:01 pm

Shaitan Prajapat

Patni Pidit Purush Ashram

Patni Pidit Purush Ashram

अपने देश में बहुत से तीर्थ आश्रम है। आपने भी इन आश्रमों के बारे में सुना और देखा होगा। आज आपको एक अनोखे आश्रम के बारे में बताने जा रहे जिसमें बारे में बहुत कम लोग ही जानते है। यह आश्रम दूसरे आश्रमों से बिल्कुल अलग है। यह आश्रम उन लोगों के लिए जो पत्नी पीड़ितों से हो। यह पढ़कर एक बार तो हर कोई चौंक सकता है लेकिन यह बिल्कुल सच है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में एक ऐसा ही आश्रम है जो कि पत्नी पीडि़तों ने समाज के अन्य पत्नी पीडि़तों के लिए खोला है। औरंगाबाद से करीब 12 किलोमीटर दूर मुंबई-शिरडी हाइवे पर ये आश्रम बना है।
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Patni Pidit Purush Ashram

हर रोज की जाती है कौए की पूजा
आश्रम में प्रवेश करते ही पहले कमरे मे कार्यालय बनाया गया है, जहां पत्नी पीडितों को कानूनी लड़ाई के बारे मे सलाह दी जाती है। कार्यालय में थर्माकोल से बना बडा कौआ सबका ध्यान खींचता है। रोजाना सुबह-शाम अगरबत्ती लगाकर उसकी पूजा की जाती है। आश्रम में रहने वालों ने बताया कि, मादा कौआ अंडा देकर उड़ जाती है लेकिन नर कौआ चूजों का पालन पोषण करता है। ऐसी ही कुछ स्थिति पत्नी पीडित पति की रहने से कौए की प्रतिमा का पूजन किया जाता। इस आश्रम में सलाह लेने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि होती जा रही है। अब तक यहां 500 लोग सलाह ले चुके हैं। बाहर से तो ये आश्रम एक सामान्य से घर की तरह लगता है लेकिन अंदर से ये बिल्कुल अलग है।

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ऐसे आया आश्रम बनाने का आइडिया
आश्रम के संस्थापक भारत फुलारे खुद को पत्नी पीड़ित बताते है। घरेलू हिंसा चार कानून के तहत उनकी पत्नी ने उनपर केस दाखिल किया है। केस के चलते कुछ महिनों तक भारत को शहर के बाहर रहना पड़ा। कोई भी रिश्तेदार उनसे पास नहीं आना चाहता था। कानूनी सलाह भी मिलना मुश्किल हो गया। उसी समय उन्हें तुषार वखरे और दूसरे तीन लोग मिले। सभी लोग पत्नी-पीडित रहने से एक दूसरे को सहारा मिला और कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए मदद मिली। इसके बाद आश्रम बनाने का विचार आया और 19 नवंबर 2016 पुरूष अधिकार दिवस के अवसर पर आश्रम की शुरूआत कर डाली।

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आश्रम के नियम
इस आश्रम में एंट्री करना आसान नहीं है। पत्नी की ओर से कम से कम 20 केस दाखिल होना जरूरी। गुजारा भत्ता न चुकाने से जेल मे जाकर आया हुआ व्यक्ति यहां प्रवेश ले सकता है। पत्नी द्वारा केस दाखिल करने के बाद जिसकी नौकरी गई ऐसा व्यक्ति यहां रह सकता है। दूसरी शादी करने का विचार भी मन में न लाने वाले व्यक्ति को प्रवेश मिलेगा। आश्रम मे रहने के बाद अपनी कौशल के अनुसार काम करना जरूरी।

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