आपका फस्र्ट एड बॉक्स साफ-सुथरा और वाटरप्रूफ होना चाहिए। कम से कम इन्हें तो रखें ही खून रोकने या घाव साफ करने के लिए रुई अथवा साफ कपड़ा।
चोट पर लगाने के लिए एंटीबायोटिक ट्यूब।
पट्टी, एडहेसिव बैंडेज और स्टिकिंग प्लास्टर।
बैंडेज को बांधने के लिए सेफ्टी पिन्स।
(ये चीजें कार, ऑटो रिक्शा, बाइक और स्कूटर चालक के फस्र्ट एड बॉक्स में होनी चाहिए।)
पट्टी : विभिन्न आकार के गॉज पैड्स (जालीदार कपड़े की पट्टी)
एंटी फगल क्रीम, एलोवीरा जैल, बर्न क्रीम : त्वचा संबंधी समस्याओं व जलने की स्थिति में उपयोगी।
दर्द निवारक दवाएं : डॉक्टर की सलाह से किट में शामिल करें और इमरजेंसी में ही लें।
इसके अलावा डिस्पोजेबल ग्लव्ज, पॉकेट मास्क, प्लास्टिक की चिमटी, एंटीसेप्टिक वाइप्स (पट्टी), थर्मामीटर व हाथ धोने का साबुन भी इस किट में रख सकते हैं।
सडक़ हादसों में 10-15 फीसदी मामले गर्दन या रीढ़ की हड्डी में चोट के होते हैं। ऐसे में स्पाइनल बोर्ड (लकड़ी का बोर्ड) भी रखना चाहिए। इसके सहारे घायल को ठीक से उठाकर अस्पताल पहुंचा सकते हैं।
सॉल्यूशन, क्रीम व अन्य दवाओं की एक्सपायरी डेट चैक करें।
रुई, पट्टी, बैंडेज आदि को भी छह महीने या सालभर में बदल लें।
जहां तक संभव हो प्लास्टिक के उपकरण रखें।