कई किसानों ने पत्रिका को चर्चा में बताया कि फसलों में फलियां तो लगी लेकिन अतिवर्षा के कारण बीज नहीं पड़ा और यदि पड़ा तो वह काला पड़कर रह गया। जिससे कटाई की लागत भी निकालना मुश्किल हो रहा था। ग्राम गंज के अतुल ठाकुर ने नौ बीघा खेत में मात्र 1 बोरा सोयाबीन ही निकाला है। शेष फसल में उन्होंने भी टै्रक्टर चलवा दिया। साथ ही कई अन्य गांव के किसान भी फसलों को देखकर टै्रक्टर चलवाने का निर्णय ले चुके हैं। पहले तो मजदूर नहीं मिले और यदि मिले तो भी मजदूरी भी फसल के उत्पादन से निकलती नहीं दिखाई दे रही। इसलिए किसानों का मामनना है कि टै्रक्टर चलवा दो जिससे कि फसल खाद का रूप ले ले और आगामी फसल में वह लाभदायक साबित हो सके। किसानों ने अगली फसल के लिए अभी से तैयारियां करना शुरू कर दी हैं।
पिपलधार. रविवार को हुई रिमझिम से किसानों की चिंताए बढ़ गईं हैं। अभी कई किसानों के सोयाबीन की कटाई नहीं हुई, ऐसे में बारिश से भारी नुकसान हो सकता है। किसानों की लागत भी नहीं निकल पाएगी। उधर दीपावली आ गई लेकिन किसानों को अभी अतिवृष्टि से खराब हुईफसल का मुआवजा तक नहीं मिल सका है।