scriptविजयादशमी पर यहां होती है दशानन पूजा, रावण दल के लोग राम सेना पर बरसाते हैं पत्थर पर कोई नहीं होता चोटिल | ravana party shower stones on ram sena on vijayadashami in vidisha | Patrika News
विदिशा

विजयादशमी पर यहां होती है दशानन पूजा, रावण दल के लोग राम सेना पर बरसाते हैं पत्थर पर कोई नहीं होता चोटिल

कालादेव गांव में हर दशहरे पर एक ऐसी घटना होती है, जिसे यहां के लोग चमत्कार के तौर पर मानते हैं।

विदिशाOct 05, 2022 / 07:10 pm

Faiz

News

विजयादशमी पर यहां होती है दशानन पूजा, रावण दल के लोग राम सेना पर बरसाते हैं पत्थर पर कोई नहीं होता चोटिल

विदिशा. एक तरफ तो देशभर में बुराई पर अच्छाई की विजय दिवस के रूप में दशहरा पर्व मनाते हुए राम भक्त रावण दहन करते हैं, तो वहीं, देश का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश विदिशा जिले के कालादेव में अनोखा दशहरा मनाया जाता है। यहां दशानन रावण को जलाया नहीं जाता, बल्कि उसकी पूजा की जाती है। जिले की लटेरी तहसील में स्थित कालादेव गांव में हर दशहरे पर एक ऐसी घटना होती है, जिसे यहां के लोग चमत्कार के तौर पर मानते हैं। इस गांव में रावण की एक विशालकाय प्रतिमा स्थित है। इसके सामने एक ध्वज गाड़ दिया जाता है। ध्वजा को राम और रावण के युद्ध का प्रतीक माना जाता है।


इस युद्ध के दौरान एक तरफ कालादेव के लोग राम दल के रूप में आगे बढ़ते हुए इस ध्वजा को छूने की कोशिश करते हैं तो वहीं, दूसरी तरफ रावण दल के लोग उन पर गोफन से पत्थरों की बरसात करते है, लेकिन, आश्चर्य की बात ये है कि, गोफन से निकलने वाले ये पत्थर रामादल के किसी सदस्य को लगते नहीं है। इससे भी बड़ी बात ये है कि, अगर कोई व्यक्ति कालादेव का निवासी न हो और रामादल में शामिल हो जाऐ, तो उसे गोफन से फैंके हुए पत्थर लग जाते हैं, लेकिन कालादेव गांव के किसी भी व्यक्ति को इन फैंके जाने वाले पत्थरों से कोई नुकसान नहीं होता। स्थानीय लोगों की मानें तो फैंके जाने वाले ये पत्थर मैदान में अपनी दिशा बदलकर कहीं और निकल जाते हैं।

News

हालांकि, इस बात की कहीं से भी पुष्टि नहीं होती कि, कालादेव मेंं दशहरे के दिन मनाई जाने वाली परंपरा कब से चली आ रही है। कालादेव गांव विदिशा से करीब 100 किमी दूर स्थित है। बैरसिया, महानीम चौराहा, लटेरी और आनंदपुर होते हुए कालादेव पहुंचा जा सकता है। यहां दशहरे पर अनूठा आयोजन किया जाता है। मैदान में रावण की विशालकाय प्रतिमा स्थित है, जिसे पहले गांव के लोगों द्वारा सजाया जाता है। इस आयोजन को देखने के लिए सिर्फ लटेरी या विदिशा ही नहीं बल्कि, गुना, भोपाल, राजगढ़, ग्वालियर, इंदौर समेंत उत्तर प्रदेश और राजस्थान तक से लोग यहां पहुंचते हैं।

Hindi News / Vidisha / विजयादशमी पर यहां होती है दशानन पूजा, रावण दल के लोग राम सेना पर बरसाते हैं पत्थर पर कोई नहीं होता चोटिल

ट्रेंडिंग वीडियो