यह बात उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने कही, वे शासकीय कन्या महाविद्यालय में आयोजित समारोह में बोल रहे थे। इस समारोह में गुलाबगंज और नटेरन के शासकीय महाविद्यालय के भवनों का लोकार्पण किया गया।
कोई भी धर्म ऊंचा या नीचा नहीं इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ यादव ने कहा-कोई धर्म ऊंचा या नीचा नहीं, सब बराबर हैं। लेकिन राम जैसा आदर्श कहीं नहीं मिलता है, उन्होंने नई शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि 1835 में लागू की गई मैकाले की शिक्षा नीति हमें नौकर बनाती थी, नौकरी दिलाने के काम ही आती थी, लेकिन अब हमारी स्वदेशी शिक्षा नीति हमें मालिक और आत्मनिर्भर बनाने के लिए साथ ही अच्छा इंसान बनाने के साथ ही अच्छा इंसान बनाने में सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि अब बंधन नहीं है, आप यदि पढऩा चाहते हैं तो 130 कोर्स आपके लिए मौजूद है, एनसीसी और एनएसएस भी कोर्स का हिस्सा बन गए हैं।
परीक्षा होने से पहले यू-ट्यूब पर अपलोड हो गए बोर्ड कक्षाओं के पेपर रामायण और रामचरित मानस में बताएंगे अंतर जानकारी के अनुसार उच्च शिक्षा विभाग द्वारा निर्णय लिया गया कि दर्शन शास्त्र के प्रथम वर्ष के स्टूडेंट अब रामायण का पाठ भी पढ़ेंगें। सरकार द्वारा जारी किए गए पाठ्यक्रम के अनुसार रामचरित मानस के व्यावहारिक ज्ञान के नाम से एक पेपर होगा। जिसमें छात्रों को रामचरित मानस से जुड़े आदर्शों का पाठ पढ़ाया जाएगा। इसके तहत वेद उपनिषद और पुराणों में उल्लेख किए गए भगवान राम के आदर्शों और गुणों की व्याख्या और रामायण व रामचरितमानस में अंतर भी बताएंगे।