देवी के बाग में एक खुले स्थान पर देवी मां विराजित हैं। बताते हैं कि कई बार लोगों ने पक्का मंदिर बनाने की कोशिश की, लेकिन पूर्ण रूप से सफल नहीं हुए। यहां सैनिकों की तात्कालिक जरूरत के हिसाब से देवी मां प्रतिष्ठित हुई थीं, उन्हें यहां स्थायी रूप से व्यवस्था नहीं चाहिए। इस कारण देवी के बाग की देवी आज भी उसी रूप में विराजमान हैं। देवी के बाग के पास एक संन्यासी बाबा की समाधि भी स्थित है।