शिवराज सिंह चौहान का जन्म 5 मार्च 1959 को सीहोर जिले के जैत गांव में हुआ था। उनका परिवार खेती-बाड़ी से जुड़ा हुआ था। इन्होंने बरकतुल्ला विश्वविद्यालय भोपाल से दर्शनशास्त्र में गोल्ड मेडल हासिल किया था। वह बचपन से छात्र राजनीति से जुड़े रहे हैं। उन्होंने 1975 में मॉडल हायर सेकंडरी स्कूल से चुनाव लड़ा और जीतकर स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष के अध्यक्ष बने। इमरजेंसी के दौरान वह 1976-77 में जेल भी गए। साल 1977 में उन्होंने आरएसएस ज्वाइन कर ली। इसके वो एवीबीपी में काफी सक्रिय रहे। इसका फल उन्हें 1990 में मिला जब वह पहली बार बुधनी विधानसभा से विधायक चुने गए। फिर 1991 में वो विदिशा लोकसभा सीट से सासंद भी चुन लिए गए। वह 2003 से 2000 से 2003 तक बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव भी रहे हैं। 2003 में शिवराज सिंह चौहान ने तत्कालीन सीएम दिगविजय सिंह के खिलाफ राघौगढ़ विधानसभा से चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। जब वह 2005 में बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष का पद संभाल रहे थे, तभी उन्हें एमपी के सीएम का पदभार भी सौंप दिया गया। इसके लिए उन्होंने बुधनी विधानसभा से उपचुनाव लड़ा। फिर 2008 में उन्होनें जीतकर दोबारा सीएम की कुर्सी संभाली। और फिर लगातार 2018 तक सीएम की कुर्सी को संभाला और दोबारा 2020 में सीएम बनकर 2023 में लाड़ली बहना स्कीम लॉन्च कर बीजेपी की सत्ता में वापसी कराई। शिवराज सीएम के प्रबल दावेदार थे लेकिन संगठन ने उन्हें अब लोकसभा लड़ाने का फैसला किया है।
मुरैना – शिवमंगल सिंह तोमर
भिंड – संध्या राय
ग्वालियर – भारत सिंह कुशवाह
गुना – ज्योतिरादित्य सिंधिया
सागर – लता वानखेड़े
टीकमगढ़ – वीरेंद्र खटीक
दमोह – राहुल लोधी
खजुराहो – वी डी शर्मा
सतना – गणेश सिंह
रीवा – जनार्दन मिश्र
सीधी – डॉ राजेश मिश्रा
शहडोल – हिमाद्री सिंह
जबलपुर – श्री आशीष दुबे
मंडला – फग्गन सिंह कुलस्ते
होशंगाबाद – दर्शन सिंह चौधरी
विदिशा – शिवराज सिंह चौहान
भोपाल – आलोक शर्मा
राजगढ़ – रोड़मल नागर
देवास – महेंद्र सोलंकी
मंदसौर – सुधीर गुप्ता
रतलाम – अनीता चौहान
खरगोन – गजेंद्र पटेल
खंडवा – ज्ञानेश्वर पाटिल
बैतूल – दुर्गादास उईके