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स्वामी शिवानंद का जन्म 8 अगस्त 1896 को श्रीहट्ट जिले के एक गरीब परिवार में हुआ था। वर्तमान में यह जगह बांग्लादेश में स्थित है। स्वामी शिवानंद के माता-पिता भीख मांग कर अपना जीवन चलाते थे। गरीबी के चलते बचपन में स्वामी शिवानंद को भरपेट भोजन तक नसीब नहीं हुआ। आर्थिक तंगी के चलते परिजनों ने स्वामी शिवानंद को जय गुरूदेव को सौंप दिया था। इसके बाद वह आज्ञम में ही रहने लगे। 1903में वापस अपने गांव लौट कर गये थे तो पता चला कि भूख के कारण उनके मां-बाप की मौत हो गयी। इसके बाद स्वामी शिवानंद फिर से आश्रम में आकर रहने लगे। गुरूजी जे बकायदे दीक्षा ली। इसके बाद 1977में वृंदावन चले गये और 1979 से काशी के दुर्गाकुंड के कबीरनगर स्थित आश्रम में रहते हैं। स्वामी शिवानंद आराम से अंग्रेजी तक बोल लेते हैं और सभी विषयों पर उनकी पकड़ हैं।
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