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सुमन के पास पैसे नहीं है। एक तरफ पति की डायलिसिस करानी है तो दूसरी तरफ बच्चों का पेट भरना है। सुमन ने जब बच्चों का पेट नहीं भर पायी तो वह टूट गयी और कचहरी जाकर इच्छा मृत्यु की मांग करने लगी। कचहरी में ही कई लोगों ने सुमन को बताया कि वह चंदौली संसदीय सीट की निवासी है इसलिए वहां के सांसद केन्द्रीय मंत्री डा.महेन्द्रनाथ पांडये से मदद मांगनी चाहिए। जबकि अन्य लोगों ने उसे पीएम मोदी के जनसम्पर्क कार्यालय में जाने की बात कही। सुमन का कहना है कि एक तरफ पैसा नहीं होने से बीमारी से उसका पति मर रहा है तो दूसरी तरफ बच्चों का पेट भी नहीं भर पा रही है। यदि आयुष्मान योजन का कार्ड बन गया होता तो पति के इलाज में मदद मिल जाती है। ऐसी बेबसी में वह जीना नहीं चाहती है इसलिए इच्छा मृत्यु मांगना पड़ा।
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