लोगों का कहना है कि एकतरफ तो योगी सरकार पूर्व सीएम
अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट वरुणा कॉरीडोर के नियत समय अवधि मार्च 2018 तक पूरा करने के लिए दबाव बना रही है। इसके लिए सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता सहति तीन-तीन अभियंता निलंबित कर दिए गए। लेकिन हकीकत यह है कि यह काम तब तक पूरा नहीं हो सकता जब तक वरुणा किनारे के अवैध निर्माण हटाए नहीं जाते। और वीडीए के उपाध्यक्ष पुलकित खरे यही काम कर रहे थे। इसी कड़ी में वह वरुणा तट के एक पांच सितारा होटल का काफी हिस्सा गिरवा चुके थे। अब नंबर था एक संघ व बीजेपी नेता के होटल का। लोगों को इसका इंतजार था कि कब संघ व बीजेपी नेता के होटल पर वीडिए का हथौड़ा चलता है या सरकार का हथौड़ा वीडीए उपाध्यक्ष पर चलेगा। हुआ उलटा वीडिए उपाध्यक्ष पर ही गाज गिर गई। उनका तबादला कर दिया गया। वीडिए उपाध्यक्ष के तबादले की खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगी। फेसबुक पर लोग तरह-तरह के कमेंट लिखने लगे। कार्टून शेयर करने लगे।
दरअसल अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान छेड़ना वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को महंगा पड़ गया। शासन ने उनका तबादला कर दिया। दरअसल इससका अंदेशा कई दिनों से लगाया जा रहा था, चर्चाएं जोरों पर थीं कि वीडीए उपाध्यक्ष जिस ढंग से ईमानदारी से काम कर रहे हैं बहुत दिनों तक वह बनारस में इस पद पर कायम नहीं रह पाएंगे। यह कयासबाजी बुधवार को फलीभूत हो गई। बता दें कि वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित खरे ने वाराणसी के लोगों के लिए कई अच्छे काम किए। आम नागरिकों को दलालों से मुक्ति दिलाने का बीड़ा उठाया। खास तौर पर नक्शा पास कराने के लिए जिस तरह से लोगों को महीनों का चक्कर लगाना पड़ता था उस व्यवस्था को उन्होंने ध्वस्त कर दिया। सब कुछ ऑनलाइन कर दिया। यहां तक कहा कि किसी को वीडिए आने की जरूरत ही नहीं है। ऑन लाइन अप्लाई करें, जहां कहीं कमी होगी संबंधित के ई-मेल पर सूचना जाएगी और उस कमी को दूर करने पर नक्शा तुरंत पास हो जाएगा। वाराणसी के नागरिकिों के लिए यह बड़ी सहूलियत थी।
इसके बाद उन्होंने वरुणा किनारे के अवैध निर्माणों के खिलाफ ध्वस्तीकरण अभियान शुरू किया। इस दौरान उन्होंने पूर्वांचल के बड़े लीकर किंग के पांच सितारा होटल को भी नहीं बख्शा और जेसीबी चलवा दी। इसके बाद से लोगों को लगने लगा था कि अब वीडिए किसी को नहीं छोड़ेगी। पुलकित खरे की खास बात यह थी कि वह कार्रवाई के दौरान किसी का फोन तक नहीं उठाते थे। अपने कार्य में किसी की दखलंदाजी उन्हें बर्दाश्त नहीं थी। पिछले दिनों एक अवैध निर्माण को गिराते वक्त भाजपा के एक विधायक बार-बार फोन करते रहे पर उन्होंने तब तक फोन रिसीव नहीं किया जब तक कि अवैध निर्माण गिरा नहीं दिया। उसके बाद से ही यह कयास लगाया जाने लगा था कि अब जल्द ही उनका तबादला होगा।
बता दें कि पुलकित खरे वीडिए उपाध्यक्ष से पहले वाराणसी में सीडीओ भी रहे और उस दौरान भी उन्होंने ग्रामीण इलाके में काफी बेहतरीन काम किया। लेकिन तब भी उन्हें हटा दिया गया था। उसके बाद जब वह वीडिए के वीसी बन के आए तब लोगों को लगा कि अब विकास प्राधिकरण की कार्य प्रणाली में कुछ सुधार आएगा। यह हुआ भी। लेकिन अभी काम शुरू ही हुआ था कि उनका तबादला कर दिया गया। उन्हें हरदोई का जिलाधिकारी बना कर भेजा गया है। अभी तक उनकी जगह किसी की नियुक्ति नहीं की गई है।