यह भी पढ़े:-रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने प्राइवेट ट्रेन चलाने पर किया खुलासा, बताया कौन होगा चालक, किन ट्रेनों में होगा असर
बनारस में कोई अधिकारी ज्वाइन करने से पहले काशी विश्वनाथ व बाबा काल भैरव का दर्शन करता है उसके बाद ही पदभार संभालता है। जिस थाने के मालिक खुद कोतवाल हो, वहां का निरीक्षण कोई अधिकारी कैसे कर सकता है इसलिए कोतवाली थाने का कभी निरीक्षण नहीं होता है। अधिकारी वहां पर जाते भी हैं तो निरीक्षण नहीं कर पाते हैं। वर्षों पूर्व एक अधिकारी ने कोतवाली थाने का निरीक्षण किया था शाम तक उसका तबादला हो गया था इसके बाद से अधिकारी भी कोतवाली थाने से दूरी बना कर रखते हैं।
यह भी पढ़े:-यह पुलिसकर्मी भी होंगे सेवा से बाहर, बनायी गयी स्क्रीनिंग कमेटी
काशी की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव की अनुमति के बगैर यमराज भी किसी की आत्मा को नहीं ले जा सकते हैं। काल भैरव का दर्शन करने से ही भक्तों को जन्मों के पाप से मुक्ति मिल जाती है। काल भैरव की महिमा अनोखी है ऐसे में उनके थाने में अधिकारी निरीक्षण करने की सोचते भी नहीं है।
यह भी पढ़े:-पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में इतने नये सदस्य बनायेगी बीजेपी
कोतवाली थाने की कुर्सी पर विराजमान बाबा काल भैरव को प्रणाम करने के बाद ही थाना प्रभारी अपनी कुर्सी पर बैठते हैं। प्रतिदिन बाबा का फूल-माला चढ़ा कर उनसे आशीर्वाद लिया जाता है। कोतवाली थाने के पास ही बाबा काल भैरव का मंदिर है। काशी की इस धार्मिक मान्यता पुलिस पूरा ध्यान रखती है।
यह भी पढ़े:-सामने जो मुश्किलों का अंबार है, उसी से मेरे हौसले की मीनार है-पीएम नरेन्द्र मोदी