यूपीपीएससी पेपर लीक प्रकरण के चार आरोपियों अजीत कुमार, अजय कुमार चौहान निवासी नेवढिय़ा जौनपुर, शैलेन्द्र कुमार सिंह निवासी दशनीपुर, चोलापुर व प्रभुदयाल सिंह यादव निवासी सुवहल गाजीपुर ने ही अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था लेकिन अब चारों आरोपियों के बचने का रास्ता बंद हो गया है। बताते चले कि एसटीएफ ने सबसे पहले चोलापुर से प्रश्र पत्र छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस के मालिक कौशिक कुमार को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद यूपीपीएसी पेपर लीक प्रकरण चर्चा में आया था इसके बाद बनारस क्राइम ब्रांच ने प्रयागराज से जाकर परीक्षा नियंत्रक अंजू लता कटियार को हिरासत में लिया था और फिर जेल भेजा था। बनारस के जिला जेल में कौशिक कुमार व अंजू लता कटियार दोनों ही बंद है। मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने जल्द जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। बनारस के एसएसएपी आनंद कुलकर्णी ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है और एसआईटी ने यूपीपीएससी के पूर्व चेयरमैन डा.अनिरुद्ध यादव से भी पूछताछ हो चुकी है। एसआईटी को जल्द से जल्द इस मामले में और प्रमाण जुटाने होंगे। यदि ऐसा नहीं किया तो आरोपियों को बेल मिल सकती है जिसके बाद प्रदेश सरकार की किरकिरी होनी तय है।
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