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तेज बहादुर यादव का जब नामांकन निरस्त हुआ था तो उस समय समर्थकों ने कलेक्ट्रेट परिसर में हंगामा किया था जिसके चलते बनारस के कैंट थाने में पहली बार तेज बहादुर यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। हालांकि तेज बहादुर यादव ने दर्ज मुकदमे के आधार पर खुद ही न्यायालय में सरेंडर के लिए अर्जी दी थी जहां से उन्हें जमानत मिल गयी थी। मतदान के पहले तेज बहादुर यादव ने बनारस छोड़ दिया था इसके बाद वह बनारस नहीं आये थे लेकिन उन्होंने बनारस में ही कहा था कि पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ उनका आंदोलन जारी रहेगा। इसके बाद तेज बहादुर यादव ने हरियाणा विधानसभा चुनाव लडऩे का ऐलान किया है और वह वर्तमान मुख्यमंत्री व बीजेपी उम्मीदवार मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ चुनाव लडऩे जा रहे हैं।
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तेज बहादुर यादव ने बनारस में रहने के दौरान कई बयान दिये थे। एक बयान में उन्होंने कहा था कि बनारस संसदीय सीट से चुनाव नहीं लडऩे पर बीजेपी ने ५० करोड़ देने की पेशकेश थी। तेज बहादुर यादव ने कहा था कि चुनाव नहीं लडऩे के लिए मेरे उपर बहुत दबाव बनाया गया था इसके बाद भी मैने चुनाव लडऩे का ऐलान किया था। मीडिया ने जब तेज बहादुर यादव से पूछा था कि बीजेपी के किस नेता ने उन्हें पैसे देने का ऑफर किया था तो उन्होंने नाम नहीं बताया था और यह तक कहा था कि यदि नाम सामने आ गया तो मेरी हत्या हो सकती है।
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