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संस्कृत में रोजगार की कमी के नाम पर लोग देववाणी से दूर होते जा रहे हैं लेकिन प्रो.हरिप्रसाद अधिकारी की सफलता के पीछे संस्कृत है। विश्वविद्यालय की कक्षाओं में छात्रों को संस्कृत का ज्ञान देते हैं। अतिरिक्त समय मिलता है तो भी छात्र संस्कृत का अध्ययन करने के लिए चले आते हैं। सस्कृतगृहम् नाम के आवास में प्रतिदिन सुबह 7.30 बजे से 9.15 बजे तक देशी व विदेशी छात्रों के नि:शुल्क संस्कृत की शिक्षा देते हैं। प्रो.हरिप्रसाद अधिकारी कहते हैं कि मेरा सब कुछ संस्कृत है। विभिन्न देशों के पांच हजार से अधिक छात्रों को संस्कृत की नि:शुल्क शिक्षा दी है। इसमे अमेरिका, UK, मॉरीशस से लेकर नेपाल व भूटान के छात्र भी शामिल है। विश्वविद्यालय से रिटायर हो जाने के बाद देश में घुम-घुम कर लोगों को संस्कृत की शिक्षा देने का लक्ष्य रखा है। बच्चों को भी संस्कृत की शिक्षा दी है जो देववाणी को आगे ले जाने का काम करेंगे।
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