31 अक्टूबर देर रात इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पीसीबी हॉस्टल में बर्थडे पार्टी के दौरान हुई थी हत्या
बता दें की 25 हजार इनामी छात्र नेता अच्युतानंद की हत्या 31 अक्टूबर की देर रात उस वक्त गोली मारकर कर दी गई थी जब वह एक साथी की बर्थडे पार्टी में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पीसीबी हॉस्टल पहुंचा था। पुलिस के अनुसार पार्टी के दौरान ही अच्युतानंद के बेहद करीब रहे सीएमपी डिग्री कालेज के छात्र संघ अध्यक्ष आशुतोष त्रिपाठी ने धोखे से गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी। इस मामले में कर्नलगंज थाने में आशुतोष त्रिपाठी, हरिकेश मिश्रा और सौरभ सिंह उर्फ प्रिंस के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए चार टीमें गठित कर ताबड़तोड़ दबिस देने के साथ ही सभी के नंबर को सर्विसलांस पर लगाया था।
एक का नंबर एक तारिख को वाराणसी में में कुछ देर के लिए ऑन हुआ। जिसके बाद पुलिस गिरफ्तारी के लिए वाराणसी रवाना हुई। लेकिन कुछ देर बाद ही नंबर दोबारा बंद ही गया। पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करती इससे पहले ही वह भाग गए। सूत्रों की माने तो पुलिस की जबरदस्त छापेमारी और गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी कोलकाता की ओर भाग सकते है।
आखिर जिसे नेता बनाया उसी ने क्यों मारी गोली! बात दें कि 25 हाजार इनामी, दर्जन भर मुकदमों में वांछित अच्युतानंद की हत्या में अभी तक आशुतोष त्रिपाठी का ही नाम सामने आ रहा है। साथ ही तमाम तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं। लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से अब तक साफ नहीं हो सका है कि आशुतोष ने अच्युतानंद को गोली क्यों मारी? जबकि आशुतोष को नेता बनाने में अहम योगदान अच्युतानंद का ही था। कहा तो यह तक जा रहा कि अच्युतानंद तो आशुतोष को छोटा भाई बताता था। खैर हत्या की असल वजह तो आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही चल सकेगी।
सोशल मीडिया पर शोक की लहार अच्युतानंद की हत्या के बाद सोशल मीडिया पर कोई उसे रॉबिन हुड बात रहा तो कोई गरीब छात्रों का हिमायती। छात्रों द्वारा यह तक लिखा जा रहा कि अच्युतानंद ने गरीब लोगों की बेटियों की शादी तक कराई थी। वहीं दूसरी ओर अच्युतानंद के करीबी रहे जेल में निरुद्ध छात्र नेता अभिषेक सिंह माइकल के नाम से संचालित फेसबुक आईडी के जरिए इस घटना को छात्र राजनीति के नाम पर कलंक बताया गया। साथ ही लिखा गया, कि तू छोटे भाई जैसे था। कुछ विषय पर मतभेद जरूर थे लेकिन इस घटना के बाद खाली पन महसूस हो रहा। अफसोस तुझे अंतिम बार नहीं देख सकता। हालांकि अभिषेक सिंह माइकल अभी जेल में निरुद्ध है। फिर यह लॉगिन आईडी कौन चला रहा इसकी जानकारी नहीं हो सकी।