कनाडा कैसे पहुंची प्रतिमा
कनाडा से आने वाली माता अन्न्पूर्णा देवी की प्राचीन प्रतिमा वाराणसी के एक मंदिर में विराजमान थी। करीब 100 साल पहले 1913 में इस प्रतिमा को वाराणसी के मंदिर से चुराया गया, जिसके बाद इसकी तस्करी कर इसे विदेश ले जाया गया। अब इस प्रतिमा को वापस लाया जा रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय गिरोहों का शिकार होती रहीं हमारी धरोहरें
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने माता अन्न्पूर्णा की प्राचीन प्रतिमा के वापस आने पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने अपनी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा को धरोहर बताते हुए कहा कि हमारी विरासत की अनेक अनमोल धरोहरें अतर्राष्ट्रीय गिरोहों का शिकार होती रहीं। उन्होंने बताया कि इनमें से कई प्रतिमाओं और मूर्तियों को वापस लाया गया है।
भारत ने चलाया है कलाकृतियों की वापसी का अभियान
भारत देश प्राचीन कलाओं और कलाकृतियों व ऐतिहासिक चीजों से भरा पड़ा था। बाद में अंतर्राष्ट्रीय तस्करों की नजर इसपर पड़ी तो तस्करों के जरिये कई कलाकत्रतियां विदेशों में पहुंच गईं और वहां के म्यूजियम का हिस्सा बन गईं। अब भारत ने अपनी कलाकत्रतियों को वापस लाने का अभियान छेड़ रखा है। कुछ माह पहले भगवान शिव की प्रतिमा के भी ब्रिटेन से लौटने का ऐलान हुआ था। अब मां अन्नपूर्णा देवी की प्रतिमा देश लौट रही है। यह प्रतिमा लंबे समय से काडा की युनिवर्सिटी ऑफ रेजिना के मैकेंजी आर्ट गैलरी का हिस्सा बनी हुई थी। बताया जा रहा है कि फिलहाल प्रतिमा ओटावा में भारतीय हाई कमिश्नर को दी जा चुकी है।