वाराणसी. पूर्व मुख्यमंत्री
अखिलेश यादव रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गढ में मोदी पर जम कर बरसे। उनकी हर नीतियों की आलोचना की। यहां तक कहा विदेशी मेहमानों से नया भारत नहीं बनेगा। कोई विदेशी नया भारत बनाने यहां नहीं आएगा। नया भारत तो अपने लोगों को साथ ले कर चलने से ही बनेगा। विदेशी भला भारत क्यों मजबूत करने लगे। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गणतंत्र दिवस समारोह में कई विदेशी राजनयिकों को बुलाने पर चुटकी ले रहे थे। कहा कि खुद विदेशी धरती पर जाते हैं तो बड़ी-बड़ी बात करते हैं। पर्यावरण संरक्षण की चर्चा करते हुए कार्बन डाई आक्साइड गैस को रोकने की बात करते है। कहा अरे देश की गरीब जनता क्या जाने कि वह कौन सी गैस रोकने की बात कर रहे है। कहा कि पांच साल में केंद्र सरकार ने क्या किया वह सबको पता चल गया है।
उन्होंने कहा कि पहले प्रधानमंत्री ने हर साल दो करोड़ युवाओं को
रोजगार देने का वादा किया, अब कह रहे हैं कि पकौड़े की दुकान खोल लो, चाय बेचो। कहा कि अरे देश बनता है अच्छी शिक्षा से। पढ़ाई के अच्छे इंतजाम से। समाज को कोई बदलेगा तो वह अच्छी शिक्षा बदलेगी। इसी के तहत समाजवादी सरकार ने पहल की थी कि युवाओं को बच्चों को अच्छी शिक्षा मुहैया हो। स्कूली छात्र-छात्राओं को लैपटॉप दिया वो आज भी उऩके पास है। उसका वो उपयोग कर रहे हैं। ये एक ऐसी चीज समाजवादियों ने दी जिसका तोड़ नहीं। पूरी दुनिया में इसका जवाब नहीं।
ये भी पढ़ें-अखिलेश का पिछड़ा कार्ड, कहा, सारे पिछड़े एकजुट हो कर ही ले सकते हैं भाजपा से अपना हक पूर्व सीएम ने कहा कि विकसित देश अमेरिका के बारे में कहा गया कि सड़कों दशा बदली तो अमेरिका बदल गया, उसी तर्ज पर समाजवादी सरकार ने बेहतरीन सड़कें बनवानी शुरू की। कोशिश थी कि दिल्ली से बलिया तक ऐसी सड़क बना दी जाए कि लोगों को उसका फायदा हो। इसी क्रम में उन्होंने लखनऊ
आगरा एक्सप्रेस वे का जिक्र करते हुए कहा कि यह ऐसी सड़क है जिस पर लड़ाकू विमान उतर सकते हैं। विदेशी हमलों के वक्त आपात काल में देश की सुरक्षा में इस सड़क का उपयोग किया जा सकता है। कहा कि समाजवादी सरकार की योजना था कि दिल्ली से बलिया तक अच्छी सड़क बनाई जाए, सड़कों के किनारे मंडियां लगाने की योजना थी ताकि किसानों को फायदा हो। इसके लिए जमीन का इंतजाम भी कर लिया गया था। लेकिन सत्ता परिवर्तित होते भाजपा के लोगों ने वह
काम भी रोक दिया। कहा कि गाजीपुर के दूधियों ने शिकायत की थी कि उन्हें अपना दूध बेचने में दिक्कत होती है। बस वाले चढ़ाते नहीं, मैने दूधियों के लिए अलग से बस सेवा शुरू करा दी और वे गाजीपुर से बनारस आ कर दूध बेंचते और शाम होते होते घर लौट जाते। देश इससे बदलेगा।
उन्होंने भाजपा को चमकदार पार्टी की संज्ञा दी और कहा कि केवल मीडिया में चमकदार चीजें, चमकदार और लुभावने नारे दे कर लोगों को गुमराह करने वाली पार्टी है। पूर्व सीएम ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह कहते हैं एनकाउंटर से कानून व्यवस्था सुधरेगी, जैसे ही वह एनकाउंटर से कानून व्यवस्था सुधारने की बात करते हैं डकैती पड़ जाती है। अब तो राजस्थान से डकैत यूपी में आ कर डकैती डाल रहे हैं। उन्होंने मेरठ का उदाहरण पेश करते हुए कहा कि एक आदमी को बिना वजह ही पुलिस ने गोली से उड़ा दिया। अखिलेश यादव ने कहा कि पीएम, सीएम और पूरी भाजपा लोगों को डराना चाहती है। ये लोगों में भय पैदा करके ही सत्ता हासिल करना चाहती है। कहा कि भाजपा वादों की पार्टी है। धोखा देने वाली पार्टी है। इनके धोखे से कोई नहीं बचा। अब किसान कर्ज माफी की ही बात लें, फिर उन्होंने पीएम के अंदाज में जनता से पूछा कर्ज माफ हुआ, जवाब मिला नहीं। फिर युवाओं से पूछा नौकरी मिली। जवाब मिला नहीं। उन्होंने कहा नौकरी कहां से मिलेगी। नौकरी तो इस सरकार की अर्थनीति के चलते सिकुड़ती चली जा रही है। इस नई अर्थ व्यवस्था को बदलना होगा। चौहान समाज को संबोधित करते हुए कहा कि हम इस अर्थ व्यवस्था को बदलने के लिए ही आपको जोड़ने आए हैं। कहा इस नई अर्थ व्यवस्था का आलम यह है कि देश की 70 फीसदी से ज्यादा आय एक फीसदी लोगों के हाथ में चली गई। गांव का किसान, मजदूर बेहाल है। नोटबंदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हम तो मांग करते हैं कि एक और नोटबंदी कर दें देश से भ्रष्टाचार बिल्कुल खत्म हो जाएगा। फिर कहा, नोटों के रंग बदलने से भ्रष्टाचार नहीं खत्म होने वाला। कहा कि नोटबंदी और जीएसटी से देश मजबूत नहीं होने वाला।
पूर्व सीएम ने कहा कि पांच साल से ये सरकार केवल गाय, गोबर, बछड़ों की राजनीति कर रही है। अब गाय को भी आधार से जोड़ा जाएगा। कहां तो कहा था गंगा को स्वच्छ करेंगे। फिर काशीवासियों से पीएम के अंदाज में पूछा कितनी साफ हुईं गंगा। कहा कि मैने तो वरुणा और गोमती को साफ करना शुरू किया था वह काम भी सूबे की सरकार ने रुकवा दिया। कहा जब तक कन्नौज की काली नदी साफ नहीं होगी तब तक गंगा नहीं साफ हो सकती। गंगा से पहले काली नदी को साफ करना जरूरी है।