बीएचयू की सोशल साइंस फैकल्टी से रिटायर्ड प्रोफेसर डा.आशा रानी मेहरोत्रा सिगरा के सम्मपूर्णानंद नगर कॉलोनी में रहती है। वह अविवाहित है इसलिए अपने बड़े भाई के बेटे मनीष को पाल-पोस कर बड़ा किया था। बुआ ने अपने भतीजे की सभी जरूरत को पूरा किया था। जब जितना पैसा मांगता था बुआ खुशी-खुशी उसे दे देती थी। मनीष की दोस्ती कुछ गलत लोगों से हो गयी थी जिसके चलते उसका खर्च बढ़ गया था। गलत संगत के चलते उसे हमेशा पैसों की जरूरत होती थी। वह किसी ने किसी काम के बहाने अपनी बुआ से पैसा मांग कर उसे उड़ाता रहा था। बुआ को जब उसकी गलत संगत की जानकारी हुई तो उन्होंने पैसा देने बंद कर दिया। मनीष की आर्थिक स्थिति खराब हो गयी तो अपने शौक को पूरा करने के लिए घर के सामान को ही चोरी करने लगा। इस बीच मनीष अपनी बुआ को पैसे नहीं देने पर जान से मारने की भी धमकी देता था। पहले तो परिजनों को लगा कि वह सुधर जायेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मनीष ने अपनी बुआ से ढाई करोड़ की रंगदारी मांगी थी जिसकी शिकायत सिगरा पुलिस को की गयी थी। मुकदमा दर्ज होने ही सिगरा पुलिस हरकत में आयी और आरोपी युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
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