श्री काशी विश्वनाध धाम का मुमुक्षु भवन तैयार, 20 अगस्त से आरंभ होगी बुकिंग, जानें क्या-क्या मिलेगी सुविधा…
मोक्ष नगरी काशी के श्री काशी विश्वनाथ धाम का मुमुक्षु भवन अब मोक्षार्थियों के लिए सज चुका है। काशी का ये तीसरा मुमुक्षु भवन 40 बेड का होगा। किसी से कोई किराया नहीं वसूला जाएगा। मुमुक्षु भवन में 20 अगस्त से शुरू होगी बुकिंग। राजस्थान की संस्था करेगी मोक्षार्थियों की देखरेख।
वाराणसी. मोक्ष नगरी काशी के श्री काशी विश्वनाथ धाम में मोक्षार्थियों के लिए मुमुक्षु भवन बन कर तैयार हो चुका है। ये शहर का तीसरा मुमुक्षु भवन होगा। इसमें एक साथ 40 मोक्षार्थी रह सकेंगे। किसी मोक्षार्थी से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। 20 अगस्त से बुकिंग आरंभ हो जाएगी। इस मुमुक्ष भवन का नाम “वैद्यनाथ धाम” रखा गया है।
सभी मोक्षार्थियों को मिलेगा शुद्ध शाकाहारी भोजन श्री काशी विश्वनाथ धाम के मुमुक्षु भवन में रहने वाले मोक्षार्थियों को शुद्ध शाकाहारी भोजन मिलेगा। सेहत की देखभाल के लिए नर्सिंग असिस्टेंट के तौर पर सेवादार हर पल तैयार रहेंगे। मोक्षार्थियों के लिए पूजा-पाठ, गंगा स्नान की व्यवस्था होगी। भजन-कीर्तन और समय-समय पर कथा श्रवण की व्यवस्था की जाएगी ताकि जीवन के ढलान पर उनका ध्यान धर्म-कर्म में लगा रहे।
मोक्षार्थी की सेहत की जांच के बाद ही होगी बुकिंग कमिश्नर अग्रवाल के अनुसार मुमुक्षु भवन में आने वाले मोक्षार्थियों की भर्ती से पहले उनकी सेहत की जांच होगी। यहां 65 साल से अधिक उम्र के लोगों को ही रहने को मिलेगा। उनकी पारिवारिक हिस्ट्री का भी पता लगाया जाएगा ताकि ये जानकारी हो सके कि परिवार में किसी तरह का विवाद तो नहीं। सारी जानकारी जुटाने के बाद ही मोक्षार्थी को रहने की इजाजत मिलेगी।
राजस्थान की सामाजिक संस्था करेगी मोक्षार्थियों की देखभाल श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के मुमुक्षु भवन में रहने वाले मोक्षार्थियों की देखभाल के लिए राजस्थान के उदयपुर की सामाजिक संस्था “तारा” को जिम्मेदारी सौंपी गई है। संस्था के लोग काशी पहुंच चुके हैं। संस्था के मैनेजर कोमुदी कांत आमेटा का कहना है कि सभी 40 बेड के साथ एक आलमारी का इंतजाम किया गया है। इसमें वो दवा तथा पूजन सामग्री रख सकेंगे। इस मुमुक्षु भवन में रसोई घर की फिनिशिंग का काम जारी है। लेकिन उसे भी नियत समय से पूरा कर लिया जाएगा
मोक्षार्थी कब तक रह सकेंगे इसके लिए चल रहा विचार इस मुमुक्षु भवन में आने वाले मोक्षार्थी को कितने दिन के लिए रहने को मिलेगा इस पर अभी विचार-विमर्श चल रहा है। हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि ऐसे लोगों को अंतिम सांस तक रहने की इजाजत दी जाएगी।
वाराणसी का ये तीसरा मुमुक्ष भवन होगा बता दें कि श्री काशी विश्वनाथ धाम से पहले से बनारस में दो मुमुक्ष भवन चल रहे हैं। इसमें एक अस्सी पर है जहां मोक्ष की कामना के साथ आने वालों के अलावा बुजुर्ग रहते हैं। दूसरा मुमुक्ष भवन गिरिजाघर चौराहे के समीप है जिसे काशी लाभ मुक्ति भवन के रूप में जाना जाता है। लेकिन यहां मोक्षार्थी को महज 15 दिन के लिए कमरा दिया जाता है। नियत अवधि के बाद मोक्षार्थी की सेहत की जांच के बाद तय होता है कि उन्हें आगे रहने की सुविधा प्रदान की जाय या नहीं। सेहत में सुधार की स्थिति में मोक्षार्थी को घर वापस भेज दिया जाता है। यहां मोक्षार्थी से विद्युत शुल्क लिया जाता है वो भी आर्थिक स्थिति जान कर।
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