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यह नियम सिर्फ महिला व पुरुष सिपाहियों के लिए ही नहीं होगा। यह नियम अब ट्रेनिंग पूरा करने वाले एसआई पर भी लागू होगा। ट्रेनिंग पूरा करने वाले एसआई के लिए भी स्क्रीनिंग कमेटी बनायी जायेगी। इसके बाद ही उन्हें विभाग में पूर्णकालिक नौकरी करने का मौका मिल पायेगा।
एसएसपी आनंद कुलकर्णी के अनुसार लगभग 2016 से 2018 तक ट्रेनिंग में आये पुलिसकर्मियों पर यह नियम लागू होगा। ऐसे पुलिसकर्मियों की संख्या 600 से 700 के बीच हो सकती है। स्क्रीनिंग कमेटी मुख्य रुप से ट्रेनिंग पूरी कर चुके पुलिसकर्मियों की व्यवसायिक दक्षता, तैनाती के दौरान पब्लिक से व्यवहार एंव अन्य चीजों की जांच की जायेगी। गड़बड़ी मिलने पर संबंधित पुलिसकर्मियों को नोटिस दी जायेगी। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर ही उन्हें सेवा से बाहर किया जायेगा।
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पुलिस विभाग अपने अनुशासन को लेकर बेहद सख्त हो गयी है। बनारस में कुछ दिनों पहले पुलिस लाइन की अव्यवस्था को लेकर प्रशिक्षु महिला पुलिसकर्मियों ने सड़क जाम कर दिया था जिसके बाद एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने तीन सीओ से मामले की जांच करायी थी और अनुशासन तोडऩे के आरोप में चार महिला पुलिसकर्मियों को सेवा से बाहर करने की संस्तुति की गयी थी रिपोर्ट पर डीजीपी ओपी सिंह ने अपनी मुहर लगा दी है। इससे साफ हो जाता है कि अब चारों महिला प्रशिक्षु पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग से पहले ही बाहर का रास्ता दिखाया जायेगा।