यह भी पढ़े:-इस अनोखे थाने का DM व SSP भी नहीं कर सकते हैं निरीक्षण, अपनी कुर्सी पर नहीं बैठते हैं एसएचओ
वीसी प्रो.राजाराम शुक्ल ने बताया कि शास्त्रार्थ महाकुंभ में आधा दर्जन से अधिक कुलपति व पूर्व कुलपति भी शामिल होंगे। महाकुंभ में मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, , यूपी, बिहार, आन्ध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल सिक्किम आदि प्रदेशों के विद्वान भी भाग ले रहे हैं। महासम्मेलन में वाक्यार्थ सभा, गुरुकुल परम्परा व अष्टावधान मित्रविंदा परम्परा का आयोजन होगा। उन्होंने कहा कि हम लोगों का उद्देश्य भारतीय शिक्षा पद्धति रही गुरुकुल परम्परा को फिर से नया जीवन देना है। विद्वान जब धनुर्वेदों, आयुर्वेद, अर्थशास्त्र, वेदांत, वैशेषिक दर्शन, ज्योतिष, भारतीय गणित पर विद्वान जब शास्त्रार्थ करेंगे तो नवीन जानकारी भी सामने आयेगी। उन्होंने कहा कि शास्त्रार्थ महाकुंभ में दो अतिविशिष्ठ विद्वान आचार्य मणि शास्त्री द्रविड़ व आचार्य देवदत्त पाटिल को सम्मानित व पुरस्कृत किया जायेगा। इन दोनों विद्वानों ने कर्नाटक व महाराष्ट्र में 100से अधिक विद्यार्थियों को गुरुकुल पद्धति से तैयार कर प्राचीन भारतीय परम्परा रक्षा की है।
यह भी पढ़े:-पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में रेलवे का हुआ कायाकल्प, इतना लग रहा पैसा