वाराणसी

वाराणसी की रामनगर पालिका परिषद का वजूद होगा खत्म

आजादी के बाद 1950 में वाराणसी में गठित रामनगर पालिका परिषद का वजूद अब खत्म होने जा रहा है। ऐतिहासिक रामनगर पालिका परिषद का वाराणसी नगर निगम में विलय होगा। ऐसा रामनगर के विकास के लिए किया जा रहा है। केवल रामनगर ही नहीं बल्कि नवसृजित डोमरी और सूजाबाद नगर पंचायतों का भी वाराणसी नगर निगम में विलय होगा।

वाराणसीJul 17, 2022 / 10:26 am

Ajay Chaturvedi

रामनगर पालिका परिषद

वाराणसी. सत्ता के विकेद्रीकरण के लिहाज से आजादी के बाद 11 नवंबर 1950 को जिस ऐतिहासिक रामनगर पालिका परिषद का गठन किया गया उसका वजूद अब मिटने वाला है। वाराणसी संसदीय क्षेत्र के कैंट विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है रामनगर पालिका परिषद जिसका अब वाराणसी नगर निगम में विलय होगा। रामनगर पालिका परिषद की राजनैतिक स्थिति ये है कि पालिका परिषद का चेयरमैन पद पिछले डेढ दशक से कांग्रेस के कब्जे में है। रेखा शर्मा चेयरमैन हैं। बनारस का यही वो इलाका हैं जहां मोदी लहर भी काम नहीं आई। वहीं इसके साथ ही नवसृजित डोमरी और सूजाबाद नगर पंचायतों का भी वाराणसी नगर निगम में विलय किया जाएगा। ऐसा विकास के मद्देनजर किया जा रहा है। इससे संबंधित प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। इन सब मिला कर अब वाराणसी नगर निगम की सीमा चंदौली तक पहुंच जाएगी। यहां ये भी बता दें कि वाराणसी जिले के 87 गांवों को वाराणसी नगर निगम में शामिल कर निगम क्षेत्र के विस्तारीकरण की प्रक्रिया पहले से जारी है। परिसीमन की कार्रवाई चल रही है। जल्द ही वार्डों का आवंटन भी कर दिया जाएगा।
शासन की मंजूरी मिलते ही शुरू हो जाएगी विलय की कार्रवाई

कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने विलय संबंधी प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। अब निकाय निदेशालय व प्रमुख सचिव नगरीय विकास की मंजूरी मिलते ही विलय की कार्रवाई आरंभ कर दी जाएगी। रामनगर पालिका परिषद के साथ ही नवसृजित डोमरी व सूजाबाद नगर पंचायतों का भी वाराणसी नगर निगम में विलय किया जाना है जिसके बाद नगर निगम की सीमा गंगापार क्षेत्र में पड़ोसी जिला चंदौली तक पहुंच जाएगा। बता दें कि रामनगर पालिका परिषद और डोमरी व सूजाबाद नगर पंचायतों का वाराणसी नगर निगम में विलय की प्रक्रिया फरवरी से ही चल रही थी। शासन ने पिछले सप्ताह ही कमिश्नर से प्रस्ताव मांगा था जिस पर उन्होंने तीनों निकायों से संबंधित पत्रावली शासन को भेज दी है।
वाराणसी नगर निगम
विकास के लिए हो रहा है विलय

बताया जा रहा है कि रामनगर पालिका परिषद का वाराणसी नगर निगम में विलय के पीछे वहां का विकास करना है। लोगों तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचानी है। यहां ये भी बता दें कि रामनगर में केंद्र व प्रदेश सरकार की आधा दर्जन बड़ी परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। इसमें रिवर फ्रंट के विकास के तहत 26 सौ करोड़ का प्रस्ताव है तो टेंट सिटी, आवासीय योजना, सिक्सलेन रोड, गंगा पर नए पुल का निर्माण प्रमुख हैं। इन परियोजनाओं की मंजूरी के लिए नियमानुसार स्थानीय निकाय की मंजूरी लेनी होती है। ऐसे में सरकार ने परियोजनाओं की गति को रफ्तार देने के लिहाज से इसे नगर निगम में विलय का निर्णय लिया है।
रामनगर पालिका परिषद चेयरमैन रेखा शर्मा
रामनगर पालिका परिषद क्षेत्र के ऐतिहासिक स्थल

-रामनगर पालिका परिषद क्षेत्र में ऐतिहासिक रामनगर का किला है
-विश्व प्रसिद्ध रामनगर की रामलीला इसी क्षेत्र में होती है
-करीब 20 रामलीला स्थल
-देश के दूसरे प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री का आवास है
पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री का आवास
रामनगर पालिका परिषद क्षेत्र में और क्या

रामनगर पालिका परिषद क्षेत्र में राजकीय सम्प्रेक्षण गृह (बालिका), राजकीय बाल सुधार गृह (बालक व बालिका), 150 बेड का राजकीय अस्पताल, 36वीं वाहनी पीएसी मुख्यालय, विधि विज्ञान प्रयोगशाला। इसके अलावा महिला डिग्री कॉलेज, राजकीय इंटर कॉलेज (बालक/बालिका), 11 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय तथा एक पुलिस थाना। जल परिवहन के लिए बंदरगाह।
रामनगर पालिका परिषद क्षेत्र एक नजर में

बता दें कि रामनगर पालिका परिषद क्षेत्र दो वर्ग किलोमीटर में फैला है। यहां की कुल आबादी 97 हजार है। क्षेत्र में हैं 25 वार्ड और 60 हजार मतदाता हैं। पालिका क्षेत्र में कुल आठ हजार भवन हैं। क्षेत्र की वार्षक आय 18 लाख रुपये है।
पिछले तीन बार से कांग्रेस की हैं चेयरमैन

रामनगर पालिका परिषद की चेयरमैन हैं कांग्रेस की रेखा शर्मा। वो लगातार तीन बार से चेयरमैन चुनी जा रही हैं। पिछली बार कांग्रेस ने जब उन्हें टिकट नहीं दिया तो निर्दल चुनाव लड़ीं और जीत हासिल की। इस दौरान उन्हें कांग्रेस ने निलंबित भी किया था लेकिन जीत के बाद रेखा शर्मा की पुनः वापसी हो गई पार्टी में।
काशी विद्यापीठ ब्लाक के इन दो गांवों का भी होगा विलय

इसके अलावा काशी विद्यापीठ विकास खंड के दो गांव भीटी और सुल्तानपुर का भी विलय हो जाएगा वाराणसी नगर निगम क्षेत्र में। भीटी का क्षेत्रफल है 2.7 वर्ग किलोमीटर। यहां की आबादी करीब 11900 है तो 1950 भवन हैं। गांव में करीब 7100 मतदाता हैं। गांव में एक प्रधान और तीन बीडीसी हैं। ये वाराणसी के काशी विद्यापीठ विकास खंड का हिस्सा है।
काशी विद्यापीठ विकास खंड के ही सुल्तानपुर गांव का भी नगर निगम में विलय किया जाएगा। इसका कुल क्षेत्रफल 1.2 किलोमीटर और जनसंख्या करीब 5300 है जबकि 1000 भवन हैं। गांव में तकरीबन 3200 मतदाता हैं। यहां एक प्रधान, दो बीडीसी हैं।
सूजाबाद नगर पंचायत
सूजाबाद नगर पंचायत का गठन 20 दिसम्बर 2012 को हुआ था। 11 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली नगर पंचायत की जनसंख्या लगभग 29,700 है जबकि 21,300 मतदाता है। नगर पंचायत क्षेत्र में कुल 15 वार्ड हैं जिनमें 3240 भवन हैं।

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