ई-स्टॉम्पिंग का लाइसेंस निजी कंपनी के बजाय सरकार स्तर से करने तथा स्टॉम्प बेचने की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर 3 लाख करने की मांग को लेकर सोमवार को जिले के स्टॉम्प वेंडर्स ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और हड़ताल पर बैठ गए। इसके चलते स्टॉम्प से संबंधित निजी एवं सरकारी सभी तरह के कार्य ठप रहे। शहर सहित ग्रामीण अंचल से आने वाले लोग दिनभर स्टॉम्प, टिकट, कोर्ट फीस, कोपिंग टिकट सहित अन्य के लिए भटकते दिखाई पड़े। बावजूद कहीं से राहत नहीं मिली तो उन्हें बैरंग लौटना पड़ा।
इससे पहले स्टॉम्प वेंडर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के नाम कलक्टर को ज्ञापन सौंपा और दिनभर कलक्ट्री के मुख्यद्वार के पास धरना-प्रदर्शन एवं नारेबाजी कर विरोध जताया। गौरतलब है कि मुख्यालय पर हर दिन औसत अलग-अलग रुपयों के करीब तीन लाख के स्टॉम्पों की बिक्री होती है। सोमवार को दो दिन के अवकाश के बाद जब लोग विभिन्न कार्यों के लिए आवश्यक स्टॉम्प के लिए कलक्ट्री आए तो उनको निराश लौटना पड़ा। इस दौरान मनोज कुमार जैन, मुकेश शर्मा, तपेश सोनी, अशीष जैन उपस्थित थे।