यह भी पढ़े:-मुस्लिमों ने 68 किलो का केट काट कर मनाया पीएम मोदी का जन्मदिन, देखे तस्वीरे
मुहर्रम के समय ही भंडारे का आयोजन होता है। जिस जगह पर भंडारा कराया जाता है वहा से मुहर्रम का जुलूस निकलता है इसके चलते ही भंडारे की अनुमति नहीं मिलती है। यह प्रकरण बकायदा हाईकोर्ट तक पहुंचा था और हाईकोर्ट ने भंडारा पर रोक लगा दी थी। इसके बाद से भंडारा का आयोजन नहीं हो पाया है। राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह का भंडारा नहीं कराने के लिए मनाना बेहद कठिन होता है। पूर्व वर्षों में उदय प्रताप सिंह ने भंडारा कराने की सारी तैयारी कर ली थी और जिला प्रशासन से अनुमति नहीं मिली थी अंत में महाराज उदय प्रताप सिंह को नरजबंद करना पड़ा था।
यह भी पढ़े:-इनामी बाबू यादव की तरह हुई रईस की मौत, दोनों ही हत्या करने निकले थे
मुहर्रम आते ही राजा भैया की परेशानी बढ़ जाती है। बाहुबली क्षत्रिय नेता अपने पिता को मना नहीं पाते हैं। मुहर्रम पर भंडारा को लेकर जब विवाद बढ़ जाता है तो राजा भैया लखनऊ रहना पसंद करते हैं। वह जानते हैं कि हाईकोर्ट के रोक लगाने के कारण जिला प्रशासन भंडारा कराने की अनुमति नहीं देगा। जबकि पिता उदय प्रताप सिंह का मनाना उनके बस में नहीं है। ऐसे में इस बार फिर भंडारा को लेकर कुंडा का माहौल गर्म हो गया है अब देखना है कि इस बार भंडारा हो पाता है कि नहीं।
यह भी पढ़े:-रईस बनारसी की मौत के बाद भी नहीं मिला असलहा, 50 हजार के घायल इनामी को खोज रही पुलिस