उन्होंने कहा कि नयी व्यवस्था तेजस पर लागू करने पर विचार है। ट्रेन चालक और सुरक्षा की जिम्मेदारी रेलवे की होगी। हाउस कीपिंग की जिम्मेदारी, जिसमे सफाई, लीनेन, कैटरिंग आदि की व्यवस्था आईआरसीटीसी के माध्यम से किसी कंपनी को देने पर विचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि दो ट्रेन में प्रयोग के तौर पर आईआरसीटीसी से कराना चाहते हं जहां तक प्राइवेट ऑपरेटर से ट्रेन चलाने का प्रश्र है उस पर अभी विचार चल रहा है पुरानी ट्रेन में किसी प्रकार का बदलाव नहीं होगा। नयी ट्रेन में नयी व्यवस्था लागू हो सकती है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद यादव ने बताया कि आने वाले पांच सालों में बड़े स्तर पर क्षमता विस्तार का काम होने जा रहा हैं। इसके लिए आधारभूत सुविधा बढ़ायी जा रही है आनेे वाले समय में अधिक से अधिक ट्रेन चलाना पड़े तो उसमे विचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि 2030 तक रेलवे में पचार हजार करोड़ का निवेश होगा। अभी तक एक करोड़ 60लाख का निवेश हो रहा है। रेलवे की क्षमता तेजी से बढ़ाने के लिए क्वांटम जंप लगाने की जरूरत है। रेलवे की मैनूफैक्चिरिंग क्षमता तेजी से बढ़ाने की जरूरत है इससे रोजगार में वृद्धि होगी और आयात में बहुत कटौती हो जायेगी। उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से रेलवे की क्षमता बढ़ाने पर कार्य नहीं हुआ था लेकिन पिछले पांच साल से यह कार्य शुरू हुआ है जो अब तेज हो जायेगा। इसका सबसे अधिक फायदा यात्रियों को मिलेगा।
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