प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नए कृषि सुधारों से किसानों को नए विकल्प और नए कानूनी संरक्षण दिए गए हैं। पहले मंडी के बाहर हुए लेनदेन ही गैरकानूनी थे। अब छोटा किसान भी, मंडी से बाहर हुए हर सौदे को लेकर कानूनी कार्यवाही कर सकता है। किसान को अब नए विकल्प भी मिले हैं और धोखे से कानूनी संरक्षण भी मिला है। उन्होंने कहा कि सरकारें नीतियां बनाती हैं, कानून-कायदे बनाती हैं। नीतियों और कानूनों को समर्थन भी मिलता है तो कुछ सवाल भी स्वभाविक ही है। ये लोकतंत्र का हिस्सा है और भारत में ये जीवंत परंपरा रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ समय से एक अलग ही ट्रेंड देश में देखने को मिल रहा है। पहले होता ये था कि सरकार का कोई फैसला अगर किसी को पसंद नहीं आता था तो उसका विरोध होता था। लेकिन अब विरोध का आधार फैसला नहीं बल्कि आशंकाओं को बनाया जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि पहले किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी योजनाएं घोषित होती थीं, लेकिन वो खुद मानते थे कि 1 रुपए में से सिर्फ 15 पैसे ही किसान तक पहुंचते थे। यानी तब योजनाओं के नाम पर छल हो रहा था। लेकिन, अब पाई-पाई किसानों के खाते में पहुंच रही है।