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वाराणसी

BHU अस्पताल में हो रहा ऐसा इंतजाम कि अब इलाज कराना होगा और आसान

सबकुछ ठीक रहा तो जून के पहले सप्ताह से शुरू हो जाएगी यह नई व्यवस्था।

वाराणसीMay 27, 2018 / 12:14 pm

Ajay Chaturvedi

BHU HOSPITAL

BHU HOSPITAL

वाराणसी. पूर्वांचल के इस सबसे बड़े अस्पताल में इलाज कराना अब और आसान हो जाएगा। दूर दराज के लोगों के लिए अस्पताल प्रशासन ने खास इंतजाम करने का निर्णय लिया है। सब कुछ ठीक रहा तो अगले महीने से यह सुविधा पूर्वांचल ही नहीं बल्कि समूचे उत्तर भारत के लोगों को मिलने लगेगी। तब अस्पताल आने से पहले ही मरीज का पंजीकरण घर बैठे हो जाएगा। अगर कहीं आधार कार्ड का नंबर डाल दिया तो उसके बाद कुछ लिखने की भी जरूरत नहीं होगी। सब कुछ ऑटोममेटिक हो जाएगा।
जी बात महामना मदन मोहन मालवीय की कर्म स्थली काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर स्थित सरसुदर लाल चिकित्सालय की कर रहे हैं। यहां रोजाना पांच हजार से ज्यादा नए मरीज आते हैं। उन्हें 101 नंबर काउंटर से पर्ची बनवाने के लिए लंबी लाइन में लगना पड़ता है। कभी-कभी घंटों खड़े रहना पड़ता है। ऐसे में दूर दराज से आने वाले मरीजों और तीमारदारों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। काउंटर से पर्ची बनाने का काम सुबह आठ से डेढ़ बजे तक चलता है। इस दौरान तीमारदारों व मरीजों को खासी जहमत झेलनी पड़ती है। ऐसे में अस्पताल प्रशासन यहां आने वाले मरीजों के पंजीकरण की बाबत नई और बेहतरीन व्यवस्था करने जा रहा है।
इसके तहत सर सुंदरलाल अस्पताल में अब ऑनलाइन बर्ची बनेगी। इसके लिए केयास्क मशीन भी लगेगी जहां मरीज और तीमारदार पंजीकरण शुल्क 20 रुपये मशीन में डाल कर पर्ची प्राप्त कर सकेगें। यह एकदम एटीएम की तरह काम करेगी। इतना ही नहीं मरीज और तीमारदार चाहें तो घर बैठे पंजीकरण करा सकेंगे। उसका प्रिंट आउट भी निकाल लेंगें। बस पंजीकरण शुल्क जमा करना होगा। यह व्यवस्था जून के पहले हफ्ते से शुरू हो जाएगी। इसके लिए ई-लॉबी बनेगी। हालांकि पर्ची बनाने वाले काउंटर यथावत काम करते रहेंगे।
बता दें कि अस्ताल प्रशासन कई साल से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के प्रयास में था। इसके लिए तमाम बैंकों से संपर्क साधा गया। लेकिन बात बन नहीं रही थी। दरअसल अस्पताल प्रसासन ने मरीजों के हित में एक शर्त रखी थी कि स्थान का भारी-भरकम किराया संबंधित बैंक वहन करेगा। इतना ही नहीं बैंक ही पूरी मशीनरी एवं मैन पावर का भी भार वहन करेगा। शर्त यह भी कि मरीजों को पर्ची कटाने में परेशानी नहीं हो और किसी प्रकार की राशि में कटौती नहीं होगी। मशीन लगाने का खर्च भी बैंक ही वहन करेगा। ऐसे में कई बैंकों को ये शर्ते रास नहीं आईं। लेकिन अब एचडीएफसी बैंक के ट्रामा सेंटर शाखा ने इन शर्तो को मान लिया है। ऐसे में अब देर नहीं बहुत जल्द मरीजों को यह सुविधा मिलने लगेगी।
अब एचडीएफसी बैंक और बीएचयू अस्पताल प्रशासन के बीच करार हो गया है। बैंक की ओर से आफ टाइम में ट्रायल भी शुरू हो रहा है। काउंटर की सारी मशीनरी व मैन पावर के साथ ही केयोस्क मशीन लगाने की भी तैयारी है ताकि रजिस्ट्रेशन काउंटर बंद रहने की स्थिति में मरीज मशीन में 20 रुपये डालकर पर्ची निकाल सकें। अब इसे आधार से जोड़ने की भी पहल की गई है। ऑनलाइन पर्ची की व्यवस्था जून के पहले सप्ताह में शुरू की जा रही है। इसके लिए एचडीएफसी बैंक से समझौता हुआ है। वहीं आधार से लिंक करने के लिए आधार अथॉरिटी से स्वीकृति मांगी गई है। इसकी पुष्टि अस्पताल के अधीक्षक डॉ ओपी उपाध्याय ने की।

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