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यूपी चुनाव 2017 के बाद से ही सुभासपा व बीजेपी के रिश्ते तल्ख होना शुरू हो गये थे। ओमप्रकाश राजभर लगातार सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार की कार्यशैली पर हमले करते थे। कई बार गठबंधन टूटने की स्थिति बनी तो बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी ओमप्रकाश राजभर की वार्ता हुई थी। यूपी चुनाव के बाद हुए निकाय चुनाव में बीजेपी की सहयोगी दल अनुप्रिया पटेल ने अपने प्रत्याशी नहीं उतारे थे लेकिन सुभासपा ने बीजेपी का विरोध करते हुए अकेले चुनाव लड़ा था। इसके बाद लोकसभा चुनाव में सुभासपा ने बीजेपी से कम से कम दो सीटे देने को कहा था लेकिन बीजेपी तैयार नहीं हुई। बीजेपी ने अपने सिंबल से घोसी सीट से सुभासपा प्रत्याशी को चुनाव लड़ाने का आमंत्रण दिया था जिसे सुभासपा ने ठुकरा दिया था। सुभासपा ने अखिलेश यादव व मायावती के गठबंधन में शामिल होने का प्रयास किया था लेकिन वहां भी बात नहीं बन पायी। सुभासपा नेताओं के अनुसार यूपी में राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की कांग्रेस अभी मजबूत स्थिति में नहीं है इसलिए कांग्रेस के साथ जाने की जगह अकेले चुनाव लडऩा सही है इसलिए सुभासपा ने आनन-फानन में पूर्वांचल की 25 सीटों पर चुनाव लडऩे की बात कहते हुए यूपी की 39 सीटों के लिए सूची जारी कर दी।
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