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ओमप्रकाश राजभर कभी मायावती की पार्टी बसपा में थे बाद में अलग होकर अपनी पार्टी बनायी थी। बीजेपी का साथ छूटने के बाद सुभासपा के पास महागठबंधन में जाने का विकल्प बचा हुआ है। महागठबंधन ने पूर्वांचल की कुछ सीटों पर अभी प्रत्याशी नहीं उतारे हैं जिससे सुभासपा को लगता है कि महागठबंधन के साथ गये तो इन सीट पर चुनव लडऩे का मौका मिल सकता है। महागठबंधन में सुभासपा के शामिल होने से पूर्वांचल में अखिलेश यादव का बड़ा फायदा मिल सकता है क्योंकि सपा व बसपा गठबंधन के तहत पूर्वांचल की अधिक सीटो पर अखिलेश यादव ने प्रत्याशी उतारे हैं।
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कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के प्रतिनिधि शशिप्रताप सिंह ने बताया कि ६ अप्रैल को अंतिम निर्णय हो जायेगा। इसी दिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलायी गयी है। सुभासपा व बीजेपी का गठबंधन अलग होता है तो पूर्वांचल में बीजेपी को बड़ा नुकसान उठाना होगा। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर तय करेंगे कि सुभासपा अकेले चुनाव लड़ती है या फिर महागठबंधन के साथ।
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चंदौली, बलिया, आजमगढ़, गाजीपुर, घोसी, सलेमपुर, देवरिया, मछलीशहर, लालगंज, जौनपुर, बनारस, भदोही, प्रयागराज, अम्बेडकर नगर आदि ऐसी लोकसभा सीट है जहां पर ५० हजार से डेढ़ लाख तक वोटर है, जिनका सुभासपा के साथ रहने का दावा किया जाता है।
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सुभासपा के सूत्रों ने कहा कि यदि बीजेपी से गठबंधन टूटता है तो महागठबंधन के साथ या फिर अकेले ही पार्टी चुनाव लड़ेगी। राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की कांग्रेस के साथ गठबंधन होने की संभावना बेहद कम है। सुभासपा का दावा है कि यूपी में कांग्रेस के पास बड़ा जनाधार नहीं है इसलिए कांग्रेस के साथ गठबंधन का कोई फायदा नहीं होगा।
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