यह भी पढ़े:-मऊ ब्लास्ट में सामने आया चौकाने वाला खुलासा, 13 लोगों की गयी थी जान
अखिलेश यादव इन दिनों सपा के परम्परागत वोटरों को सहेजने में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी से पुष्पेन्द्र यादव एनकाउंटर को लेकर सपा के चलाये जा रहे आंदोलन को जोड़ कर देखा जा रहा है। बीजेपी ने सपा के परम्परागत यादव वोटरों में सेंधमारी के लिए ही निरहुआ को प्रत्याशी बनाया था। भोजपुरी स्टार होने के चलते निरहुआ को यादव समाज के अतिरिक्त अन्य बिरादरी में जबरदस्त क्रेज है। निरहुआ जानते हैं कि यादव समाज से जुड़े मुद्दो पर वह चुप्पी साधे रहेंगे तो बड़ा राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ेगा। इसके चलते निरहुआ ने पार्टी के विपरित जाते हुए पुष्पेन्द्र यादव एनकाउंटर की सीबीआई जांच की मांग की है। निरहुआ जानते हैं कि वह बीजेपी के नेता है और यूपी में उनकी पार्टी की सरकार है। पुष्पेन्द्र यादव एनकाउंटर की गुंज आजमगढ़ में भी सुनायी दे रही है। ऐसे में निरहुआ ने सीबीआई जांच की मांग करते आजमगढ़ की जनता की नाराजगी दूर करने का प्रयास किया है जो अखिलेश यादव के बाद रमाकांत यादव को बड़ा नेता मानती है।
यह भी पढ़े:-जानिये करवा चौथ के दिन कैसा रहेगा मौसम का हाल, महिलाओं की बढ़ सकती परेशानी
राजनीति में कोई स्थायी दोस्त व दुश्मन नहीं होता है। कभी मुलायम सिंह यादव के खास माने जाने वाले रमाकांत यादव ने उन्ही के खिलाफ चुनाव लड़ा था। बीजेपी में रहनेे के बाद रमाकांत यादव ने राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की कांग्रेस से नाता जोड़ा था और फिर सपा में वापसी की है। ऐसे में निरहुआ भी सभी विकल्प खुला रखना चाहते हैं। निरहुआ के बयान पर सपा में खुशी की लहर है।
यह भी पढ़े:-बुलेट के नम्बर प्लेट पर लिखवाया था कि आई त लिखाई, दरोगा ने पकड़ी गाड़ी और कहा………