यह भी पढ़े:-मुस्लिमों ने ईद की सेवई खिलाकर दी सीएम योगी आदित्यनाथ को जन्मदिन की बधाई
पहले फेज में छह स्थानों पर अंडरग्राउंड कॉम्पैक्टर लगाये जायेंगे। इसके लिए काशी विश्वनाथ मंदिर का क्षेत्र, गंगा घाट, गोदौलिया, सारनाथ व बीएचयू का चुना गया है। इन जगहों पर अंडरग्राउंड कॉम्पैक्टर लगाने में 60 लाख से अधिक का धन खर्च होगा। इसके लिए अलग से जमीन भी नहीं लेनी होगी। इसे फुटपाथ के जमीन के नीचे लगाया जा सकता है।
यह भी पढ़े:-पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में गर्मी में गंगा का हुआ यह हाल
गुजरात में सबसे पहले अंडरग्राउंड कॉम्पैक्टर का प्रयोग किया गया था जो सफल साबित हुआ था अब बनारस में इसका प्रयोग करने की तैयारी है। एक अंडरग्राउंड कॉम्पैक्टर की क्षमता 16 मीट्रिक टन होती है। इसमे एक बार में 16 मीट्रिक टन कचरा जमा हो सकता है। कंटेनर की सबसे खास बात होती है कि कूड़ा भर जाने के बाद यह बंद हो जाता है। इससे गंदगी व बदबू के फैलने का खतरा बहुत कम हो जाता है। बंद कंटेनर को हाइड्रोलिक मशीन से बाहर निकाला जाता है और कूड़ा भर जाने के बाद उसे फिर से उसकी जगह पर लगा दिया जाता है।
यह भी पढ़े:-मायावती ने की बीजेपी की राह आसान, सीएम योगी आदित्यनाथ को होगा बड़ा फायदा
पीएम नरेन्द्र मोदी से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ की सबसे बड़ी सफलता प्रयागराज कुंभ थी। कुंभ में करोडों लोग संगम में स्नान करने आये थे इसके बाद भी वहां पर गंदगी नहीं फैली थी। इसी तर्ज पर बनारस में काम शुरू होने वाला है। कुंभ की तरह की बनारस में लगने वाले कंटेनर में खास सेंसर लगाने की तैयारी की है। कूड़ा से कंटेनर भर जाने के बाद सेंसर कमांड सेंटर को बता देगा कि जिस जगह का कंटेनर भर चुका है इसके बाद नगर निगम उस कंटेनर का खाली करा कर गंदगी वहां से हटा देगा।
यह भी पढ़े:-संत समाज ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भेजी श्रीरामचरितमानस, दिया यह बयान
शहर में प्रतिदिन 600 मीट्रिक टन से अधिक कचरा निकलता है जिसका करसड़ा में निस्तारण के लिए भेजा जाता है। यहां पर मुश्किल से 400 मीट्रिक टन कूड़ा ही पहुंच पाता है। ऐसे में उम्मीद जगी है कि अंडरग्राउंड कॉम्पैक्टर लग जाने से अधिक से अधिक कूड़ा निस्तारण के लिए भेजना संभव होगा। शहर को स्वच्छ रखने के लिए शासन अपने स्तर से सारी व्यवस्था कर रहा है लेकिन स्थानीय लोगों में जागरूकता का सख्त आभाव है जिससे शहर से गंदगी दूर नहीं हो रही है।
यह भी पढ़े:-मुलायम की राह पर चले अखिलेश यादव तो उठानी पड़ सकती है बड़ी परेशानी