वाराणसी. काशी के प्रमुख घाट पर शुक्रवार को मौनी अमावस्या के दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। गंगा में डुबकी लगाने के बाद प्रभु की अराधना की। इसके बाद दान कर पुण्य कमाया। भक्तों की भीड़ को देखते हुए गंगा घाट पर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के सख्त बंदोबस्त किये थे। यह भी पढ़े:-सुभाष चन्द्र बोस का पहला मंदिर स्थापित, दलित बच्ची बनी पहली पुजारी
IMAGE CREDIT: Patrika माघ माह के प्रमुख स्नान में एक मौनी अमावस्या का नहान होता है। काशी में गंगा स्नान करने के लिए पूर्वांचल से लोग आते हैं। बीती शाम से ही लोगों के शहर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। कुछ लोगों ने तो स्टेशन में ही रात गुजारी थी जबकि कुछ श्रद्धालु रात से ही गंगा घाट पर डट गये थे। सूर्योदय से पहले ही श्रद्धालुओं का गंगा स्नान शुरू हो गया था। आस्था ऐसी कि बर्फीली हवाओं का असर भी बेअसर साबित हुआ। ठंड में भी लोगों ने गंगा स्नान करने के बाद सूर्यदेव को जल चढ़ाया। इसके बाद आराध्य देव की पूजा करने के बाद दान कर पुण्य कमाया। काशी के दशाश्वमेध, शीतला, अस्सी आदि घाट पर भोर से लेकर दोपहर तक श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। यह भी पढ़े:-पीएम नरेन्द्र मोदी 15 फरवरी को दो दिवसीय दौरे पर आयेंगे बनारस
गंगा स्नान के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए हुई भीड़ मौनी अमावस्या पर लोगों ने गंगा स्नान करने के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर में भी जाकर दर्शन किया। दर्शन करने वालों में सबसे अधिक भीड़ बाहर से आये लोगों की थी। पुलिस ने भीड़ को देखते हुए पहले ही रूट डायवर्जन कर दिया था जिससे श्रद्धालुओं को गंगा घाट पहुंचने में अधिक समस्या नहीं हुई। गंगा स्नान करने वालों की भीड़ अब बड़ सकती है। बहुत से श्रद्धालु प्रयागराज में स्नान के बाद काशी आते हैं और यहां पर गंगा में डुबकी लगाने के बाद ही वापस जाते हैं। यह भी पढ़े:-CAA का विरोध कर रही महिलाओं को पुलिस ने बेनियाबाग से हटाया, पथराव, सात हिरासत में
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