विश्व हिंदू परिषद के नेता उदय प्रताप सिंह जो कि, हिंदूवादी कट्टर छवि के व्यक्ति हैं और पर्यावरण प्रेमी हैं। उदय प्रताप सिंह हमेशा ही वृक्षारोपण करवाते रहते हैं। जानकारी के अनुसार, पूरे प्रतापगढ़ में किसी की हिम्मत नहीं है कि, कोई पेड़ काट दे। कहा जाता है कि, राजा भैया भी बिना इनसे पूछे कोठी में लगे वृक्षों को हांथ नहीं लगाते। बता दें कि, इन्होंने इसी प्रेम के कारण प्रकृति नामक संस्था की स्थापना भी की है।
धूप में बैठकर लोगों को पिलाते हैं पानी राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह की इस बात की चर्चा सभी के जुबान पर रहती है। दरअसल, उदय प्रताप सिंह कड़ाके की गर्मी में छांव नहीं बल्कि खुद धूप में बैठकर लोगों को पानी पिलाते हैं। इसके लिए हरिनामगंज कुंडा रेलवे स्टेशन, बस स्टैंण्ड,
मंदिर , मस्जिद सभी धार्मिक स्थलों पर प्याऊ लगवाते हैं।
प्लास्टिक की थैलियों पर लगाई रोक उदय प्रताप सिंह हमेशा लोगों में दान करते रहते हैं, साथ ही इनके यूपी में सबसे पहले प्लास्टिक की थैलियों पर प्रतिबंध लगाने का श्रेय भी इनके नाम है।
जब किया गया नजर बंद मुहर्रम के दिन ताजिया जुलूस के रास्ते में पड़ने वाले
हनुमान मंदिर पर भण्डारा कराने को लेकर राजा उदय प्रताप सिंह को प्रशासन ने नजरबंद कर लिया गया था। इस मौके पर भदरी राजमहल के बाहर डीएम और एसपी कैंप लगाकर मौजूद थे।
कुंडा के इस भण्डारे में विहिप के सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल थे। कार्यालय पर पहुंची पुलिस ने हिन्दू युवा वाहिनी की 24 महिला कार्यकर्ताओं समेत 44 लोगों को भी हिरासत में ले लिया था। बताया जा है कि, कुंडा के शेखपुर आशिक में कई साल पहले मुहर्रम के दिन एक बंदर की मौत हो गई थी। लखनऊ- इलाहाबाद हाइवे के किनारे एक हनुमान मंदिर का निर्माण कराया गया था। उसी की याद में पिछले कई सालों से मोहर्रम के दिन यहां राजा उदय प्रताप सिंह हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। साथ ही भंडारे का आयोजन भी करवाते हैं।
जब करोड़ों की संप्पति हो गई थी जब्त मायावती की सरकार के समय 2003 में राजा उदय प्रताप सिंह के भदरी महल से 26 jan 2003 में पुलिस ने करोड़ों की संपत्ति बरामद करली थी। बता दें कि, कार्रवाई के बाद उसे जिला कोषागार के डबल लॉक में जमा करा दिया गया था।
साथ ही जिला मजिस्ट्रेट की कोर्ट में मुकदमा प्रारंभ किया गया था। लेकिन 2012 में सपा की सरकार बनते ही इनके खिलाफ लगे पोटा को हटा लिया गया था। इसके बाद डीएम आरएस वर्मा ने मुकदमे का निपटारा कर जब्त संपत्ति को जारी करने का आदेश दिया था, मगर करोड़ों रुपए का मामला होने के कारण आयकर विभाग में जांच करनेके बाद हरी झंडी दी और फिर जब्त संप्पति को रिलीज किया गया।
इंदिरा गांधी से विवाद उदय प्रताप सिंह की इंदिरा गांधी से हुए विवाद की भी चर्चा रहती है। दअसल, स्वतंत्रता से पहले नेहरू गांधी परिवार और भदरी परिवार के अच्छे संबंध थे। लेकिन, कहा जाता है कि, उदय प्रताप के उत्तराधिकारी बनने के बाद
रिश्ते में दूरियां बढ़ती गईं औऱ सिंह ने अपनी रियासत भदरी को भारत का स्वतंत्र राज्य घोषित कर दिया जिसके बाद इंधिरा गांधी ने कुंडा में सैन्य दल भेज दिया।