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राशिद वर्ष 2017 और 2108-19 में दो बार पाकिस्तान गया था। दोनों बार वह कुल मिला कर तीन माह पाकिस्तान में रह चुका था इसी दौरान मौसरे भाई ने ही उसका आईएसआई से संपर्क कराया था। आईएसआई ने पैसा, गिफ्ट व शादी कराने का लालच देकर राशिद को भारतीय सेना की जानकारी देने को कहा था। राशिद ने जब जोधपुर मिलिट्री कैंप की जानकारी पाकिस्तान को देने पर एक लाख रुपये व प्रति माह 15 हजार रुपये देने को कहा गया था। राशिद को पांच हजार रुपये मिल चुके थे।
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बनारस के औरंगाबाद निवासी दानिश के यहां पर राशिद ग्लो साइन बोर्ड बनाने का काम करता था। राशिद जब पाकिस्तान गया था तो भारतीय सिम भी ले गया था जिस पर व्हाट्सऐप के जरिए व भारत से पाकिस्तान हैंडरों को सूचना भेजता था। राशिद की मोबाइल से मिली जानकारी के अनुसार उसने कैंट रेलवे स्टेशन, संकटमोचन मंदिर, ज्ञानवापी मस्जिद, काशी विश्वनाथ मंदिर, वायु सेना चयन बोर्ड, रेणुकूट थर्मल पावर प्लांट, इंडिया गेट, प्रयागराज के अर्धकुंभ, आगरा किला आदि के साथ बनारस में सीएए को लेकर हुए विरोध की फोटो व वीडियो भी पाकिस्तानी हैंडलर्स को भेजा था।
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