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वाराणसी

Kashi Dev Deepawali 2020 : पीएम मोदी ने कहा – देश की विरासत बचाने का है हमारा प्रयास

– 15 लाख दीयों की रोशनी से जगमग हो उठे काशी के 84 घाट- सिक्‍स लेन के बनने से यातायात की सुविधा बेहतर होगी- पीएम मोदी के कारण नमामि गंगे के सफल क्रियान्वयन से मूर्त रूप ले सका काशी- देव दीपावली के अवसर पर शिव आराधना के साथ ही हुए सांस्‍कृतिक कार्यक्रम

वाराणसीNov 30, 2020 / 09:31 pm

Neeraj Patel

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. कार्तिक पूर्णिमा पर प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी में 6 लेन हाईवे का लोकार्पण किया। इसके बाद मोदी ने क्रूज की सवारी कर काशी के बाबा विश्वनाथ मंदिर पहुंचे। उन्होंने यहां बाबा विश्वनाथ का अभिषेक किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी वाराणसी दौरे पर उनके साथ हैं। पीएम मोदी ने विश्वनाथ कॉरिडोर के विकास कार्यों का जायजा लिया। विश्वनाथ मंदिर से पीएम मोदी क्रूज से राजघाट पहुंचे। यहां वे दीया जलाकर देव दीपावली की शुरुआत की। 15 लाख दीयों से 84 घाट जगमग हुआ मानों एक बार फिर दीपावली आ गई हो। हो भी क्यों न, देव दीपावली शुरु हो गई है। यहीं पावन पथ वेबसाइट का लोकार्पण भी किया। राजघाट पर धर्म नगरी काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब दीप जलाकर इस उत्सव की औपचारिक शुरुआत की तो दीपों का इठलाना और बढ़ गया। घाट पर मौजूद लोगों के अलावा लाइव प्रसारण के माध्यम से इस अद्भुत, अलौकिक और अविस्मरणीय पल के 135 देश साक्षी बने।

 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दीप जलाकर देव दीपावली का शुभारंभ करने के साथ ही शिव आराधना के साथ ही सांस्‍कृतिक कार्यक्रम हुआ। इसके बाद मुख्‍यमंत्री योगी और पीएम मोदी ने लोगाें को संबोधित किया। पीएम ने कहा कि, काशी जीवंत है, काशी की गलियां ऊर्जावान है। आज काशी गंगा तट पर प्रकाश गंगा का उत्‍सव मना रही है। काशी मां अन्‍नपूर्णा के आगमन की खुशी में मना रही है। देव दीपावली की साक्षी स्‍वंय महादेव बने हुए है। काशी की महिमा ही ऐसी है। काशी तो आत्‍म ज्ञान से प्रकाशित होती है। काशी पूरे विश्‍व को प्रकाश देने वाली है। हर युग में काशी ने विश्‍व का मार्ग दर्शन किया है। काशी के लोग भी देव स्‍वरूप है और काशी के 84 घाटों को देवता ही प्रज्‍ज्‍वलित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि गंगा मइया की जय, बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ की जय। नमो बुद्धाय सभी काशीवासियों को, सभी देशवासियों को कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली की हार्दिक शुभकामना।

इसके साथ ही आगे कहा कि कोरोना काल ने भले बहुत कुछ बदल दिया है लेकिन काशी की यह ऊर्जा, भक्ति- शक्ति को कोई नहीं बदल सकता है। सुबह से ही काशीवासी स्नान, ध्यान और दान में ही लगे हैं। काशी वैसे ही जीवंत है। काशी की गलियां वैसी ही ऊर्जा से भरी हैं। काशी के घाट वैसे ही दैदीप्यमान है। यही तो मेरी अविनाशी काशी है। आज काशी गंगा तट पर प्रकाश का उत्सव मना रही है। मुझे भी प्रकाश गंगा में डुबकी लगाने का मौका मिल रहा है। सिक्स लेन लोकार्पण में उपस्थित रहने का अवसर मिला। यहां आने से पहले काशी विश्वनाथ कारिडोर जाने का मौका मिला। रात में सारनाथ में लेजर शो का हिस्सा बनूंगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सिक्‍स लेन के बनने से यातायात की सुविधा बेहतर होगी। काशी व प्रयाग राज के बीच आना जाना और आसान हो गया। कांवरियों को सुविधा होगी इससे कुंभ के दौरान भी लाभ मिलेगा। बेहतर मार्ग होने से पर्यटकों को काफी लाभ होगा।

पीएम मोदी ने कहा कि काशी के लिए यह सौभाग्य की बात है। हमारे देवी- देवताओं की प्राचीन मूर्तियां अमूल्य विरासत हैं। इतना प्रयास पहले किया गया होता तो न जाने कितनी मूर्तियां देश को काफी पहले मिल गई होंती लेकिन लोगों की सोच दूसरी रही है। हमारे लिए विरासत का अर्थ है देश की धरोहर जबकि कुछ लोगों के लिए विरासत का मतलब होता है अपना परिवार। हमारे लिए विरासत का मतलब है, संस्कृति व मूल्य। उनके लिए विरासत का अर्थ है अपनी प्रतिमाएं, अपने परिवार की तस्वीरें। ऐसे में उनका ध्यान अपने परिवार की विरासत को बचाने में रहा। हमारा प्रयास देश की विरासत बचाने का है। देशवासियों बताइए सही कर रहा हूं। यह सब आपके आशीर्वाद से हो रहा है।

राजघाट पर मुख्यमंत्री योगी का संबोधन

मुख्यमंत्री योगी ने संबोधन करते हुए रहा कि देवी अन्नपूर्णा की सौ साल पहले चोरी हुई प्रतिमा भारत को मिली। आखिर 107-108 वर्षों तक किसी सरकार की नजर उस ओर न पड़ी। हम क्यों इतने वर्षों तक मौन रहे। पीएम ने योग को वैश्विक मंच दिया। कुंभ को गंदगी व अव्यस्था का मंच बना दिया था। पीएम ने इस सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक रूप दिया। मां गंगा का अविरलता निर्मलता किसी से छिपी नहीं है। कभी इसमें डुबकी लगाने पर शरीर पर लाल चकत्ते निकल आते थे। आज गंगा स्नान ही नहीं आचमन के लायक भी हो गयी है। यह नमामि गंगे के सफल क्रियान्वयन से मूर्त रूप ले सका। मां गंगा का संबंध भगवान विश्वनाथ के साथ किस तरह है, गंगा काशी में आाईं तो भैरव ने रोकने के प्रयास किया। गंगा ने बाबा का चरण पखारने का आग्रह किया। विघ्न-बाधा न डालने का भरोसा दिलाने पर उन्हें यह मौका मिला। पीएम मोदी के कारण काशी विश्वनाथ धाम पर वह रूप एक बार फिर मूर्त रूप ले सका है। काशी आज जिस रूप में हम सबके सामने है, हमारे आपके लिए गौरव है।

 

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