1. रविवार के दिन प्रात: उठकर नित्य क्रिया से निवृत्त होकर कुश यानि यह एक प्रकार की घास होती है जिसके आसन पर बैठकर सामने भगवान कालभैरव की तस्वीर स्थापित करें और पंचोपचार से विधिवत पूजा करें। इसके बाद रुद्राक्ष की माला से नीचे लिखें मंत्र की कम से कम पांच माला जाप करें तथा भैरव महाराज से सुख-सम्पत्ति के लिए प्रार्थना करें।
इस मंत्र का करना है जाप
मंत्र- ‘ऊं हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम:’
2. हर रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद भैरवजी के मंदिर जाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाएं। रोज ये उपाय करने से आपकी हर समस्या दूर हो सकती है।
3. हर महीने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को भैरव मंदिर में इमरती और मदिरा का भोग लगाएं।
4. हर शनिवार काले कुत्ते को इमरती खिलाएं और कच्चा दूध पिलाएं।
5. कोई काम लंबे समय से रुका है तो रोज सुबह बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ करें।
6. रोज भैरव मंदिर की आठ परिक्रमा करने से पापों का नाश होता है।
7. शनिवार की रात 12 बजे भगवान कालभैरव को दही में गुड़ मिलाकर भोग लगाएं।
काशी में हैं भैरव नाथ के कई मंदिर काशी में काल भैरव व बटुक भैरव के अतिरिक्त आस भैरव, दंडपाणी भैरव, आदि भैरव, भूत भैरव, लाट भैरव, संहार भैरव, क्षत्रपाल भैरव का मंदिर है। जहां पर भैरवाष्टमी के दिन उत्सव का माहौल रहता है। काल भैरव का दर्शन रविवार व मंगलवार को करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है।