scriptस्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने मां श्रृंगार गौरी की पूजा की, कहावत से स्वामी प्रसाद मौर्य पर कसा तंज | itendranand Saraswati worshiped Maa Shringar Gauri Gyanwapi | Patrika News
वाराणसी

स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने मां श्रृंगार गौरी की पूजा की, कहावत से स्वामी प्रसाद मौर्य पर कसा तंज

स्वामी जीतेंद्रानंदसरस्वती ने ज्ञानवापी के पश्चिमी दीवार पर मां श्रृंगार गौरी के विग्रह पत्थरों की पूजा की। श्रृंगार गौरी मंदिर के टूटे पत्थरों को सिंदूर-चंदन लगाया।

वाराणसीJan 28, 2023 / 07:20 pm

Upendra Singh

Gyanwapi.jpg

स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती अखिल भारतीय संत समित‌ि के महामंत्री हैं। उन्होंने आज यानी शनिवार को मां श्रृंगार गौरी की पूजा-अर्चना की। मंत्र पढ़कर मां की आराधना की। ज्ञानवापी के वजूखाने की ओर मुख किए नंदी महाराज को जल चढ़ाया।

 

माघ के हर सप्तमी पर होती है पूजा
जीतेंद्रानंद सरस्वती के साथ बड़ी संख्या में पुजारी भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि रामकथा से पहले माता के पूजन की परंपरा चली आ रही है। हर साल दो बार हम लोग पूजा करते हैं।
एक माघ मास की सप्तमी को और दूसरा चैत्र नवरात्र के चौथे दिन ही मंदिर में दर्शन होते हैं। नवरात्र में मां का मुखौटा लगाया जाता है और सुबह 5 बजे से रात 11 बजे तक लोग ज्ञानवापी परिसर में आकर मां शृंगार गौरी के दर्शन करते हैं।
shringar_gouri.jpg
“जूठे पत्तल के लिए अखिलेश के पास गए हैं स्वामी प्रसाद”
स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, ”कल तक स्वामी प्रसाद मौर्या जूठे पत्तल योगी आदित्यनाथ के चरणों में पा जाते थे। इसके बाद उसी जूठे पत्तल के लिए अखिलेश यादव के पास गए। जबकि, इससे पहले वे वही जूठे पत्तल मायावती के लिए उठाते थे।
ऐसे लोगों का कोई ईमान-धर्म नहीं होता। एक बनारसी कहावत है ‘कोढ़िया डेरवारे देहिया पर थूक देब… ऐसे डराने और थूकने वालों से फर्क नहीं पड़ता। जो खुद का विधानसभा चुनाव नहीं जीत सकता, उसे हम नेता कैसे मानें।”
jitendranand.jpg
ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी से जुड़ा केस क्या है?
18 अगस्त 2021 को 5 महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मौजूद हिंदू देवी-देवताओं की पूजा की अनुमति मांगी है। इन महिलाओं ने श्रृंगार गौरी की हर दिन पूजा करने की इजाजत चाहती हैं। कोर्ट के आदेश पर मस्जिद में सर्वे भी किया गया। सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया कि मस्जिद के तहखाने में शिवलिंग है, जबकि मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया था।
nandi.jpg
IMAGE CREDIT: Patrika: स्वामी जीतेंद्रानंद ने ज्ञानवापी के वजूखाने की तरफ मुख किए नंदी को जल चढ़ाया।
साल में एक ही बार होती है पूजा
अभी यहां साल में एक बार ही पूजा होती है। इन पांच याचिकाकर्ताओं का नेतृत्व दिल्ली की राखी सिंह कर रही हैं, बाकी चार महिलाएं सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक बनारस की हैं।
26 अप्रैल 2022 को वाराणसी सिविल कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देव विग्रहों के सत्यापन के लिए वीडियोग्राफी और सर्वे का आदेश दिया था।

Hindi News / Varanasi / स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने मां श्रृंगार गौरी की पूजा की, कहावत से स्वामी प्रसाद मौर्य पर कसा तंज

ट्रेंडिंग वीडियो