माघ के हर सप्तमी पर होती है पूजा
जीतेंद्रानंद सरस्वती के साथ बड़ी संख्या में पुजारी भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि रामकथा से पहले माता के पूजन की परंपरा चली आ रही है। हर साल दो बार हम लोग पूजा करते हैं।
स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, ”कल तक स्वामी प्रसाद मौर्या जूठे पत्तल योगी आदित्यनाथ के चरणों में पा जाते थे। इसके बाद उसी जूठे पत्तल के लिए अखिलेश यादव के पास गए। जबकि, इससे पहले वे वही जूठे पत्तल मायावती के लिए उठाते थे।
18 अगस्त 2021 को 5 महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मौजूद हिंदू देवी-देवताओं की पूजा की अनुमति मांगी है। इन महिलाओं ने श्रृंगार गौरी की हर दिन पूजा करने की इजाजत चाहती हैं। कोर्ट के आदेश पर मस्जिद में सर्वे भी किया गया। सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया कि मस्जिद के तहखाने में शिवलिंग है, जबकि मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया था।
अभी यहां साल में एक बार ही पूजा होती है। इन पांच याचिकाकर्ताओं का नेतृत्व दिल्ली की राखी सिंह कर रही हैं, बाकी चार महिलाएं सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक बनारस की हैं।