इसके शुरू होने के बाद बनारसी लंगड़ा आम सीधे जापान, ऑस्ट्रेलिया, कोरिया, इंग्लॅण्ड और यूरोपियन देशो को एक्सपोर्ट किया जा सकेगा। इससे किसानों को अब बिचौलियों की मदद नहीं लेनी पड़ेगी और वो सीधे यहां पहुंचकर अपने उत्पाद की गुणवत्ता के अनुसार उसे विदेशों में उचित दाम पर भेज सकेंगे।
बिचौलियों का पत्ता होगा साफ एपीडा के उप महाप्रबंधक डॉ सीबी सिंह ने बताया कि मोदी-योगी सरकार की ओर से किसानों की आय दोगुनी करने के के प्रयास लगातार कर रही है। ऐसे में वाराणसी में बने इस पैक हाउस से इसमें बड़ी मदद मिलेगी। डबल इंजन की सरकार पूर्वांचल ही नहीं पश्चिमी बिहार के एफपीओ, किसानों और कृषि उद्यमियों के बीच से बिचौलियों को हटाकर उन्हें निर्यातक बनाने में जुट गयी है।
पैक हाउस से होगा सिंगल विंडो क्लियरेंस योगी सरकार के प्रयासों से पूर्वांचल की सब्जिया और फल सीधे विदेशों में एक्सपोर्ट होंगे। इंटीग्रेटेड पैक हाउस के पास ही पेरिशेबल फ़ूड उत्पाद को इंटरनेशनल मानक पर तैयार किया जाएगा। वहीं पैक हाउस से एक्सपोर्ट के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस भी होगा, जिससे निर्यात करना आसान होगा। इंटीग्रेटेड पैक हाउस जल, थल और नभ से निर्यात करने के लिए उचित संसाधनों से लैस होगा।
सहारनपुर और लखनऊ के बाद यूपी का तीसरा पैक हाउस यह पैक हाउस 15.78 करोड़ की लागत से लगभग 4461 स्क्वायर फिट एरिया में बनकर तैयार हो चुका है। यहां किसानउद्यमियों को इंटरनेशनल मार्केट की मांग के अनुसार कृषि उत्पाद तैयार करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। सहारनपुर और लखनऊ के बाद ये यूपी का तीसरा तथा पूर्वांचल का पहला इंटीग्रेटेड पैक हाउस होगा।
अंतरराष्ट्रीय मानकों का रखेगा ख्याल एपीडा के उप महाप्रबंधक डॉ सी.बी.सिंह ने बताया कि इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का प्रोडक्ट तैयार करने के लिए इंटीग्रेटेड पैक हाउस में फलों और सब्जियों को कई प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है, जिससे उनकी ताज़गी, स्वाद और अन्य गुण बना रहता है। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है की इन उत्पादों में कीट और किसी भी तरह की बीमारी न हो। खास तौर पर बनारसी लंगड़ा आम को वेपर हीट और हॉट वाटर ट्रीटमेंट प्रक्रिया से गुजरान पड़ता है, तब कही जाकर लंगड़ा आम विदेशों में एक्सपोर्ट किया जा सकता है।