बनारस में 15 अक्टूबर 2016 को जय गुरुदेव के उत्तराधिकारी पंकज बाबा की तरफ से निकाली गयी शोभायात्रा के दौरान ही राजघाट पुल पर भगदड़ मची थी। भारी संख्या में लोग राजघाट पुल पार करके पड़ाव जा रहे थे इसी दौरान पुल टूटने की अफवाह मच गयी थी और भगदड़ के चलते 25 लोगों की मौत हो गयी थी। इसके बाद प्रदेश में सियासी तुफान मच गया था। सपा सरकार के तत्कालीन सीएम
अखिलेश यादव ने उस समय तैनात जिलाधिकारी विजय किरन आनंद व एसएसपी आकाश कुलहरि को उनके पद से हटा दिया गया था। इसके अतिरिक्त कई अन्य अधिकारी को निलंबित किया था। मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग भी गठित किया गया था जिसकी जांच तो पूरी हो गयी है, लेकिन अभी रिपोर्ट नहीं आयी है। इसी प्रकरण में कोर्ट के आदेश पर एक पूर्व एडीएम को जेल भेजा गया है। इससे साफ हो जाता है कि राजघाट पुल पर हुई भगदड़ में न तो किसी को क्लीन चिट मिली है और न तो किसी को दोषी ठहराया गया है।
यह भी पढ़े:-सीएम योगी के अभियान को रोकने के लिए बीजेपी विधायक ने तैयार किया चक्रव्यूह कुंभ मेले में जुटती है करोड़ों की भीड़इस बार इलाहाबाद में अर्धकुंभ होना है, लेकिन यूपी सरकार ने कुंभ मेला का लोगो जारी किया है। दो जनवरी से महाशिवरात्रि तक चलने वाले इस मेले में करोड़ों लोगों की भीड़ जुटती है। सबसे अधिक भीड़ मकर संक्राति व मौनी अमावस्या को होती है। इस बार आतंकी संगठन आईएसआईएस ने भी कुंभ मेले को लेकर धमकी दी है, जिसके चलते यह मेला अधिक संवेदनशील हो गया है। अब दोनों अधिकारियों के पास एक बड़ा मौका है, जिससे वह शांतिपूर्ण ढंग से मेले का आयोजन करा कर राजघाट पुल पर हुई दुर्घटना के दाग धो सकते हैं।
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