ASI की रिपोर्ट पर कोर्ट ने दिया फैसला ज्ञानवापी मस्जिद-शृंगार गौरी वाद में मामले में हाईकोर्ट प्रयागराज में डाली गई ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग की साइंटिफिक जांच कराए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। न्यायमूर्ति अरविन्द कुमार मिश्रा की पीठ ने इस मामले में ASI से रिपोर्ट मांगी थी की क्या बिना कथित शिवलिंग को नुक्सान पहुंचाए बिना सर्वे किया जा सकता है या नहीं ? इसपर कोर्ट में एएसआई ने रिपोर्ट सब्मिट की थी जिसपर आज कोर्ट ने आदेश दिया है।
हमारी हुई जीत याची के अधिवलता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि हमने ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग को लेकर एक याचिका सिविल कोर्ट में दायर की थी, जिसे सिविल कोर्ट ने रद्द कर दिया था। इसपर हमने एक सिविल रिवीजन हाईकोर्ट प्रयागराज में डाला था, जिसपर आज कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) को कोर्ट ने आदेश दिया है कि उसकी साइंटिफिक जांच कर रिपोर्ट पेश की जाए।
22 तारीख को जिला जज वाराणसी के सामने पेश होगी एएसआई अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि आज हाईकोर्ट ने एएसआई की रिपोर्ट के आधार पर जिला जज के आदेश को निरस्त कर दिया है और जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश को सूचना देते हुए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को 22 तारीख को जिला जज वाराणसी की अदालत में पेश होने को कहा है। कोर्ट ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद वाराणसी जिला जज के क्षेत्र में है ऐसे में वो तय करें की कैसे और कब सर्वे किया जाए।
ऐसे होगा सर्वे बता दें कि साइंटिफिक सर्वे के जरिए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को यह पता लगाना होगा कि बरामद हुआ कथित शिवलिंग कितना पुराना है, यह वास्तव में शिवलिंग है या कुछ और है।
विश्व वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष ने जताई थी नाराजगी बता दें की कथित शिवलिंग के साइंटिफिक सर्वे को लेकर हिन्दू पक्ष दो पक्षों में बंट गया था। विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने आपत्ति जताई थी क्योंकि किसी भी चीज की कार्बन डेटिंग करने के लिए उसका कुछ हिस्सा तोड़ा जाता है, जिसपर जितेंद्र सिंह को आपत्ति थी कि इससे शिवलिंग खंडित हो जाएगा। इसपर विष्णु शंकर जैन ने बताया था कि हमने कार्बन डेटिंग नहीं साइंटिफिक सर्वे की बात कही है।