Ganga Dussehra: गंगा दशहरा पर यूपी में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, भीड़ से नेशनल हाईवे जाम, देखें तस्वीरें
Ganga Dussehra: गंगा दशहरा पर यूपी के वाराणसी और अमरोहा स्थित ब्रज घाट, तिगरीधाम में दोपहर तक पांच लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान लखनऊ-दिल्ली नेशनल हाईवे पर भीषण जाम लगा रहा।
Ganga Dussehra: गंगा दशहरा पर वाराणसी और अमरोहा में 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, भीड़ से नेशनल हाईवे जाम
Ganga Dussehra: उत्तर प्रदेश में गंगा दशहरा का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान की परंपरा है। इसे ज्येष्ठ दशहरा भी कहा जाता है। रविवार यानी 16 जून को गंगा दशहरा पर दोपहर 12 बजे तक वाराणसी और अमरोहा स्थित ब्रजघाट, तिगरीधाम में पांच लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान लखनऊ-दिल्ली नेशनल हाईवे पर भीषण जाम लगा रहा।
रविवार सुबह चार बजे से गंगा घाटों पर जुटनी शुरू हो गई भीड़
ज्येष्ठ दशहरा पर श्रद्धालुओं ने अपने-अपने जिले के मंदिरों में भी पूजा-अर्चना की। रविवार सुबह करीब चार बजे से ही गंगा घाटों पर हर-हर गंगे और जय-जय गंगे के जयकारे गूंजते रहे। अमरोहा स्थित ब्रज घाट और तिगरीधाम में शनिवार रात से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचना शुरू कर दिया था। उन्होंने सूर्य की पहली किरण के साथ गंगास्नान किया तथा सूर्य को अर्घ्य देकर मां गंगा की आरती की। इसके साथ ही मंदिरों में पूजा-अर्चना कर पुण्य लाभ कमाया।
हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली समेत कई राज्यों से पहुंचे श्रद्धालु
अमरोहा के एलआईयू प्रभारी की मानें तो गंगा दशहरा पर ब्रजघाट और तिगरीधाम में हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली राज्यों के श्रद्धालुओं का रेला पहुंचा है। इसके अलावा मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़, अमरोहा, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, सम्भल आदि जनपदों के श्रद्धालु भी गंगास्नान करने अमरोहा पहुंचे। भीषण गर्मी में श्रद्धालुओं ने देर तक गंगा में डुबकियां लगाईं। वहीं युवाओं ने जमकर गंगाजल में जमकर अठखेलियां की। तिगरीधाम गंगा में भी श्रद्धालुओं ने स्नान कर मां गंगा की आरती की। घाटों के किनारे अनुष्ठान कराकर घर में सुख शांति की कामना की। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस तैनात रही।
जानें क्यों मनाया जाता है गंगा दशहरा
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार गंगा दशहरा के दिन ही मां गंगा स्वर्ग लोक से पृथ्वी लोक पर अवतरित हुई थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार आज के दिन ही भागीरथ अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए तपस्या कर मां गंगा को स्वर्गलोक से धरती पर लाए थे।
स्वर्गलोक से पृथ्वी लोक पर मां गंगा भगवान शिव की जटाओं से होकर निकली। कहा जाता है, कि तभी से जेष्ठ मास के शुक्ल पक्ष के दशमी तिथि को मां गंगा के पूजा और विशेष स्नान की परंपरा शुरू हुई। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गंगा दशहरा पर मां गंगा में डुबकी लगाने से आरोग्य व अमृत योग की प्राप्ति के साथ दस पाप कट जाते हैं।
वाराणसी-काशी में ब्रह्ममुहूर्त से ही शुरू हुआ गंगा स्नान
रविवार को गंगा दशहरा का पर्व होने को लेकर धर्म की नगरी वाराणसी में गंगा स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त से ही आस्थावानों का जनसैलाब उमड़ा। लाखों की संख्या में गंगा घाट पहुंच आस्थावान मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। काशी के पुजारियों के अनुसार जो लोग आज के दिन मां गंगा में स्नान करना जिनके लिए संभव नहीं हो वह श्रद्धालु शीतल जल में गंगा जल और तुलसी का पत्ता मिलाकर स्नान कर सकते हैं। वही स्नान के पश्चात वह भगवान भास्कर को जल अर्पित कर मां गंगा की आराधना करे और निर्धन व्यक्तियों और ब्राह्मणों को दान दें।
काशी में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम, सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी
वाराणसी में गंगा दशहरा पर गंगा तट पर उमड़े लाखों श्रद्धाओं को देखते हुए वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने सुरक्षा के खास इंतजाम किए हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जहां सभी थानों की पुलिस टीम के साथ अतिरिक्त पीएसी के जवान लगाए गए हैं। वही सादे कपड़ों में भी पुलिस और इंटेलिजेंस के जवान तैनात किए गए हैं।
वाराणसी के सभी घाटों की निगरानी पुलिस टीम सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों से कर रही है। जबकि एनडीआरएफ और जल पुलिस की टीम लगातार गंगा नदी में श्रद्धालुओं को गहरे पानी में स्नान न करने की अपील कर रहें है।
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