गाजीपुर के दिलदारनगर निवासी लालजी यादव (70) व उनकी पत्नी मुनेश्वरी देवी (67) का बड़ा बेटा रामाशीष और उसकी पत्नी सत्ती देवी मंडुआडीह थाना क्षेत्र के भुल्लनपुर स्थित बाल्मिकी बस्ती में मकान बना कर रहते हैं। जबकि लालजी यादव का छोटा बेटा रामविलास शहर के बाहर रहता है। पिछले साल दीपावली पर बुजुर्ग दम्पत्ति अपने बड़े बेटे रामाशीष के यहां पर रहने आये थे। पुलिस के अनुसार सम्पत्ति के लालच में रामाशीष व उसकी पत्नी ने अपने माता व पिता को कमरे में बंद रखा था। होली पर छोटा बेटा रामविलास जब अपने माता-पिता से मिलने आया तो भाई व भाभी ने मिलने नहीं दिया। इसके बाद से छोटा बेटा परेशान था लेकिन माता व पिता की कोई खबर नहीं मिल रही थी। इसी बीच किसी ने पुलिस को व्हाट्सएप से बुजुर्ग दम्पत्ति के बंद होने की सूचना भेज दी थी। पुलिस ने बुजुर्ग दम्पत्ति को बेटे व बहू के कैद से आजाद करा लिया है। पुसिल ने बताया कि जब छापा मारा गया तो बुजुर्ग दम्पत्ति कमरे में बंद थे कमरे की स्थिति बहुत खराब थी वहां पर मलमूत्र फैला हुआ था। साथ ही बुजुर्ग दम्पत्ति बीमार भी लग रहे थे। पुलिस ने बुजुर्ग दम्पत्ति को छुड़ाने के बाद उनका प्राथमिक उपचार कराया और छोटे बेटे रामविलास के सुपुर्द कर दिया। पुसिल के अनुसार बड़े बेटे व बहू ने सम्पत्ति के लालच में अपने माता-पिता को बंधक बना कर रखा था। बेटे व बहू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर तलाश की जा रही है।
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