वाराणसी. हाइवे पर अंधाधुंध वाहन चलाना हाइवा चालक को महंगा पड़ा। हाइवा विश्वसुंदरी पुल से 60 फीट नीचे जा गिरा, गिरते ही उसमें आग लग गई जिसमें चालक जिंदा जल मरा। यहां तक कि उसकी शिनाख्त तक नहीं हो सकी। फायर ब्रिगेड की मदद से पुलिस सिर्फ कंकाल ही निकाल सकी।
विश्वसुंदरी पुल पर बीती रात करीब 10.30 बजे तेज रफ्तार हाइवा ने पहले ट्रैक्टर में पीछे से टक्कर मारी। फिर वह पुल की रेलिंग तोड़ते हुए 60 फीट नीचे जा गिरा। हाइवा के नीचे गिरते ही उसमें आग लग गई। आग में जलकर ड्राइवर की मौत हो गई। देर रात करीब दो बजे उसका कंकाल बाहर निकाला गया। वहीं दूसरी तरफ ट्रैक्टर भी पुल पर पलट गया और उसके पलटते ही उसमें भी आग लग गई। ट्रैक्टर के पलटते ही उस पर सवार तीन लोग दूर जा गिरे। पुलिस ने तीनों को ट्रामा सेंटर भिजवाया। इलाज के दरमियान उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। पता चलने पर फायर ब्रिगेड के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। आग पर काबू पाया।
इस तरह हुई दुर्घटना सामने घाट क्षेत्र से बालू लाद कर हाइवा विश्वसुंदरी पुल से तेज रफ्तार में जा रहा था, इसी समय रामनगर से भूसा लादकर ट्रैक्टर वाराणसी आ रहा था। हाइवा ने ट्रैक्टर को पीछे से टक्कर मार दी। ट्रैक्टर पर सवार बबुरी चंदौली निवासी चंदन, उसका छोटा भाई धीरेंद्र और एक मजूदर सड़क पर दूर जा गिरे। तीनों पंचवटी रामनगर से भूसा लादकर मंडुवाडीह जा रहे थे।
जलकर मरने वाले हाइवा चालक की शिनाख्त नहीं मौके पर पहुंची पुलिस ने ट्रैक्टर सवार तीनों लोगो को ट्रामा सेंटर भिजवाया। इसके बाद सीओ भेलूपुर अनिल कुमार फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। दुर्घटना से हाइवे पर देर रात करीब 2:30 बजे तक आवागमन बाधित था। सीओ ने बताया कि हाइवा से एक मानव कंकाल निकाला गया है। बताया कि हाइवा मालिक के आने के बाद ही पता चल पाएगा कि मरने वाला कौन और कहां का था। पुलिस हाइवा मालिक से संपर्क करने का प्रयास कर रही है।
2014 में हुई थी इसी तरह की दुर्घटना हाइवा और ट्रैक्टर में आग लगने के बाद टायरों के फटने की आवाज से करीब दो किलोमीटर दूर तक का इलाका दहल गया। बता दें कि इसके पहले इसी तरह की दुर्घटना दिसंबर 2014 में हुई थी। उस दुर्घटना में टैंकर और ट्रक में भिड़ंत होने के बाद दोनों गाड़ियां चालक सहित जल गई थीं।