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स्थानीय लोगों की माने तो कस्बा चौकी इंचार्ज शमशेर आलम हमेशा लैपटाप लेकर चलते हैं। कहते हैं कि लैपटाप में जिले भर की घटनाओं की जानकारी रहती है। चौकी इंचार्ज को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। चर्चा रहती है कि शमशेर के चौकी इंचार्ज बनने के बाद क्षेत्र में चोरी की घटनाएं बढ़ गयी थी। अधिकारी जब चौकी इंचार्ज का लोकेशन लेते थे तो वह खुद को अपने क्षेत्र में होने की बात कहते थे जबकि स्थानीय जनता का आरोप है कि क्षेत्र में कभी चौकी इंचार्ज नहीं मिलते थे।
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बनारस पुलिस की रिश्वत को लेकर पहले भी किरकिरी हो चुकी है। मिर्जामुराद पुलिस का पशु तस्करों से पशुओं से लदे वाहन को छोडऩे के लिए सुविधा शुल्क मांगने को लेकर ऑडियो वायरल हुआ था जिसके बाद एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने सख्ती दिखाते हुए कारखास को जेल भेजा था और तत्कालीन थाना प्रभारी को निलंबित किया था। एसपीआरए की जांच में मिर्जामुराद थाना प्रभारी दोषी पाये गये थे उनके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जा रही है। इसके बाद चौक इंचार्ज का वीडियो वायरल से पुलिस प्रशासन पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।
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