सीएम योगी आदित्यनाथ भी बनारस में बढ़ते अपराध से नाराज थे और कुछ दिन पहले ही बनारस के एसएसपी रहे आनंद कुलकर्णी को हटा कर तेज तर्रार आईपीएस अधिकारी प्रभाकर चौधरी को जिले के पुलिस की कमान सौपी गयी थी। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने क्राइम कंट्रोल करने के लिए काम भी शुरू कर दिया है। बनारस में अधिकांश बड़े अपराधों का खुलासा क्राइम ब्रांच ने ही किया था। पिछले साल अगस्त में चौबेपुर थाना क्षेत्र के मिल्कोपुर गांव में डेटोनेटर से ब्लास्ट कर डबल मर्डर किया गया था। अपने तरह का पहले इस केस ने पुलिस विभाग की नीद उड़ा दी थी लेकिन क्राइम ब्रांच ने मोर्चा संभालते हुए इतने बड़े मामले का खुलासा कर दिया था। जेएचवी मॉल में हुए डबल मर्डर भी देश में अपने तरह का अनोखा मामला था जिसका भी खुलासा क्राइम ब्रांच ने ही किया था। इसके अतिरिक्त एक लाख के इनामी बदमाश झुन्ना पंडित गिरोह पर लगाम लगाना हो या फिर १० साल से फरार चल रहे इनामी अपराधी रुपेश सेठ को जेल भेजना। सभी काम क्राइम ब्रांच ने ही किया था इसके बाद भी प्रभारी का तबादला हो जाना सबको चौकाता है।
यह भी पढ़े:-इस दिन से बजेगी शहनाई, खरमास के पहले विवाह के हैं इतने मुहूर्त थानेदारों की तय नहीं होती है भूमिकाबनारस में बढ़ते अपराध के बाद भी थानेदारों की कुर्सी सलामत है जबकि खुलासा करने वाली क्राइम ब्रांच को यूपी सरकार ने झटका दे दिया है। आम तौर पर क्राइम ब्रांच की भूमिका संगठित गिरोह को पकडऩे में होती है लेकिन क्राइम ब्रांच को स्थानीय थाना क्षेत्र में हुई घटना के खुलासे में लगा दिया जाता था जबकि यह खुलासा स्थानीय पुलिस को करना चाहिए था। फिलहाल क्राइम ब्रांच प्रभारी के तबादले के बाद चर्चा का बाजार गरम हो चुका है। चर्चाओं की माने तो पर्दे के पीछे से बड़ा खेल किया गया है।
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