बैठक में ठेकेदारों ने बताया कि कमीशनखोरी से वह त्रस्त हो चुके हैं। काम करने से पहले ही इतना कमीशन ले लिया जाता है कि काम करना संभव नहीं होता है। कमीशन देने के बाद भी अधिकारी पैसा देने के लिए प्रताडि़त करते हैं यदि ठेकेदार इंकार करते हैं तो उन्हें ब्लैक लिस्ट व जेल में भेजने की धमकी दी जाती है। एक तरफ शासन कहती है कि काम की गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए। जबकि दूसरी तरफ अधिकारी ही इतना बजट ले लेते हैं कि काम की गुणवत्ता पर इसका असर पड़ जाता है। ठेकेदारों ने कहा कि गड़बड़ी मिलने पर हम लोगों पर विधिक कार्रवाई की जाती है। ठेकेदारों ने कहा कि उनके साथी अवधेश श्रीवास्तव के सुसाइड नोट में जिन अधिकारियों को मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। जांच कमेटी के सदस्य हम लोगों की मांग सीएम योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाये। इससे हम लोगों को न्याय मिल सके। कमेटी ने ठेकेदारों की शिकायत व सुझाव दोनों को नोट किया है। परिकल नियोजन के प्रमुख अभियंता राजन मित्तल ने कहा कि ठेकेदारों की बात सुनी गयी है। समिति का मैं एक मेम्बर है सारे कागजातों की जांच की जा रही है। ठेकेदारों की मांग से समिति के अध्यक्ष को भी अवगत कराया जायेगा। इसके बाद समिति जो निर्णय करती है उससे मीडिया को अवगत कराया जायेगा।
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