पुलिस की प्रारंभिक जांच में ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव के सुसाइड करने की ही बात सामने आ रही है। ठेकेदार ने कमीशनखोरी से परेशान होकर व बकाया का भुगतान नहीं होने पर चीफ इंजीनियर अंबिका सिंह के कक्ष में लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मार कर जान दी थी। सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने भ्रष्टाचार के अपने तरह के अलग मामले की जांच भी शुरू करायी है। जांच कमेटी पहले ही ठेकेदारों से भेंट कर उनकी समस्या को जान चुकी है और शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट शासन को देंगी। घटना की गंभीरता को देखते हुए लोक निर्माण विभाग (लोनिवि)के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने भी बीती रात को बनारस में डेरा डाल दिया है। देर रात ही प्रमुख सचिव लोनिवि ने एई आशुतोष सिंह, जेई मनोज सिंह, वरिष्ठ खंडीय लेखाधिकारी दद्दनजी प्रसाद, वरिष्ठ सहायक संप्रेक्षा लिपिक भोनूराम मौर्या व वरिष्ठ सहायक शिविर लिपिक रजत राय को सस्पेंड कर दिया है। निलंबित हुए कर्मचारी पर आरोप है कि महिला अस्पताल के जिस मैटरनिटि विंग का अवधेश श्रीवास्तव निर्माण करा रहे थे उस विंग के मद के 48 लाख 76 हजार 720 रुपये के बिल की जांच नहीं की गयी थी।
यह भी पढ़े:-जांच कमेटी को बताया कैसा होता है PWD में भ्रष्टाचार, आत्महत्या करने वाले ठेकेदार को 50 लाख मुआवजा देने की मांग ठेकेदार के सुसाइड नोट में था जिम्मेदार अधिकारियों का नाम, पुलिस ने दो को हिरासत में लियाठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव के सुसाइड नोट में आत्महत्या के लिए जिम्मेदार अधिकारियों का भी नाम है। फिलहाल पुलिस सुसाइड नोट की हैंड राइटिंग की जांच करा रही है उसके बाद ही पता चलेगा कि सुसाइड नोट किसने लिखा है। पुलिस ने घटना के बाद से ही अपनी जांच शुरू कर दी थी और बीती रात पूछताछ के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग के एक एई व जेई को हिरासत में लिया है। पुलिस इस मामले में तेजी से कार्रवाई कर रही है और साक्ष्य मिलते ही अन्य अधिकारियों को भी पुलिस गिरफ्तार कर सकती है।
यह भी पढ़े:-सुपारी किंग मुन्ना बजरंगी से भी नहीं डरे थे PWD के चीफ इंजीनियर के कक्ष में गोली मारने वाले ठेकेदार