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सपा सरकार के तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने वरूणा नदी पर जब वरूणा कॉरीडोर का निर्माण शुरू किया था उसी समय यहां के अवैध निर्माण का मुद्दा उठा था। अतिक्रमण हटाने के लिए वीडीए ने अभियान की शुरूआत की थी, जिसका विरोध भी बीजेपी विधायक ने किया था और सपा सराकर पर दबाव बना कर अभियान को रोका गया था।
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बीजेपी विधायक ने अभियान रोकने के लिए वीडीए के वीसी व युवा आईएएस पुलकित खरे पर दबाव बनाया था। वीडीए वीसी ने सारे दबाव को दरकिनार करते हुए अभियान की शुरूआत की है और पहले उस होटल के अतिक्रमण को तोड़ा है जिसके खिलाफ कार्रवाई करना बहुत कठिन होता है। आगे का अभियान कैसे चलता है यह अब सीएम योगी पर निर्भर करेगा। सीएम योगी सारे दबाव को दरकिनार करते हुए अभियान को नहीं रोकते हैं तो वरूणा नदी का नया जीवन मिल जायेगा। यदि पूर्व सरकार की तरह अभियान को रोका गया तो बीजेपी विधायक के आगे यूपी सरकार की हार होगी।
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