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एसएसपी आनंद कुलकर्णी के अनुसार तीनों आरोपियों ने पहले पद्माकर पांडेय से फेसबुक पर दोस्ती की। इसके बाद बनारस घूमने के नाम से आकर पद्माकर पांडेय के आवास पर ठहरे। आरोपियों का पता चल चुका था कि पद्माकर पांडेय को 55 लाख का मुआवजा मिला है। पद्माकर को घुटने की समस्या थी इसलिए इलाज कराने के नाम पर अपने साथ पीलीभीत ले गये। वहां पर पैसे निकालने के लिए चेकबुक पर साइन भी कराया था लेकिन हस्ताक्षर नहीं मिलने से पैसा नहीं निकल पाया। इसके बाद सुनील शर्मा ने सौरभ शर्मा, रमेश शर्मा व फरार आरोपी किशन लाल के साथ मिल कर पद्माकर पांडेय को टाइगर रिजॉर्ट ले गये और वहां पर गोली मार कर हत्या कर दी। बाद में लाश मिलने पर पुलिस को हत्या होने की जानकारी मिली थी।
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पुलिस के अनुसार तीनों की बड़े शातिर किस्म के हैं। सुनील शर्मा पर कई जिलों में विभिन्न मुकदमे दर्ज हैं। वह बुजुर्गो को ही टार्गेट करते थे। फेसबुक व अन्य सोशल साइट के मदद से उनके साथ चैटिंग करते थे बाद में पत्नी को आगे करके ऐसी तस्वीर निकाल लेते थे जिसे दिखा कर ब्लैकमेल किया जा सके। एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने कहा कि ब्लैकमेल होने वाले १५ से २० लोगों की जानकारी मिल चुकी है और लोगों के बारे में पता किया जा रहा है।
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